UN में भारत का पक्ष रखने वाली स्नेह दुबे पहले प्रयास में UPSC क्रैक कर बनी थी IFS अधिकारी

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान की बोलती बंद कर देने वाली भारत की बेटी स्नेहा दूबे ने भारत को गौरवान्वित किया है। साल 2014 में भारतीय दूतावास मैड्रिड में नियुक्त होने वाली स्नेहा को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) में भारत की प्रथम सचिव के रूप में नियुक्त हुई। स्नेहा दूबे ने अपने जवाब से इमरान खान को चारों खाने चित्त कर दिया। स्नेहा दूबे की यूपीएससी क्लियर से लेकर UN तक का सफर शानदार रहा है।

स्नेहा दूबे ने पाकिस्तानी पीएम को आईना दिखाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।पाकिस्तान के अवैध कब्जे में इसके क्षेत्र शामिल है। पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को खाली करने की भी बात स्नेहा ने कही। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के पीएम ने देश की फजीहत करवा ली। UN में इस जवाब के तुरंत बाद ट्विटर पर #SnehaDubey ट्रेंड करने लगी।

2012 बैच की आईएफएस अधिकारी स्नेहा दूबे स्नेहा दुबे झारखंड के जमशेदपुर से आती है। पिता यहीं एक केबल कंपनी में इंजीनियर थे। परिवार शहर में ही रहता था, साल 2000 में कंपनी के बंद हो जाने के चलते परिवार गोवा जाकर बस गया।
पिता को फिनोलेक्स केबल कंपनी में नौकरी करने लगे, स्नेहा की मां शिक्षिका रही हैं।

शुरुआती पढ़ाई गांव में होने के बाद पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। जवाहरलाल नेहरू यूनि​वर्सिटी (JNU) से पोस्ट ग्रेजुएशन किया फिर यहीं से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी फतह की IFS कैडर मिला। IFS ऑफिसर बनते ही विदेश मंत्रालय में नियुक्ति हुई। साल 2014 में भारतीय दूतावास मैड्रिड में नियुक्ति होने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव के रूप में नियुक्ति हुई।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में देश का नेतृत्व करने के लिए भारत अपने युवा अधिकारिओं को आगे लाता रहा है। IFS अवसर स्नेहा दूबे के लिए यह गोल्डन चांस था। अंतरराष्ट्रीय मसलों में रुचि रखने वाली स्नेहा 2012 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं।

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