हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में जाएंगे चिराग, जानें हाइकोर्ट ने क्यों खारिज की याचिका

लोजपा में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है जिसे लेकर चिराग पासवान ने दिल्ली हाई कोर्ट में चाचा पशुपति पारस के लोकसभा में सदन का नेता बनने के खिलाफ याचिका दायर की थी दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने निराधार बताकर खारिज कर दिया है जिसके बाद अब चिराग पासवान डबल बेंच में गुहार लगाने की तैयारी में है. इस केस के संबंध में चिराग पासवान के वकील अरविंद कुमार वाजपेयी ने न्यूज 18 के साथ बातचीत इसकी जानकारी दी.

वकील अरविंद कुमार वाजपेयी ने कहा कि वे हाईकोर्ट की डबल बेंच में याचिका दायर करेंगे. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने चिराग की ओर से दायर इस याचिका को दो दिन पहले ही खारिज कर दिया था, चिराग की ओर से इस याचिका में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से उनके चाचा पशुपति पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता देने को लेकर चुनौती दी थी और 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी. 14 जून के परिपत्र में चिराग के चाचा पारस पशुपति का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला पहले से ही लोकसभा अध्यक्ष के पास है, इसलिए मामले में आदेश देने का कोई औचित्य नहीं है.

दिल्ली हाईकोर्ट में चिराग पासवान के वकील अरविंद कुमार वाजपेई की ओर से कई दलील दी गई, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके किसी भी तर्क को मानने से मना कर दिया. चिराग के वकील ने एक दलील में कहा कि लोकसभा में पशुपति पारस को सदन का नेता चुना गया है जबकि उन्हें लोजपा से निष्कासित कर दिया गया है ऐसे में उन्हें पार्टी की ओर से सदन में नेता कैसे चुना जा सकता है इस दलील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पर पर जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी.

इस मामले में चिराग की ओर से यह भी कहा गया था कि लोजपा के 75 फीसदी से ज्यादा पदाधिकारी उनके साथ हैं, साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी में चल रहे विवाद का मामला चुनाव आयोग के पास है. इसलिए पशुपति कुमार पारस को सदन का नेता नहीं चुना जा सकता है. लेकिन इसके बावजूद भी हाईकोर्ट ने चिराग की ओर से दी गई किसी भी दलील को नहीं माना.

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