मिथिला व मंजूषा के बाद अब Bhojpuri Painting का रेलवे पर दिखेगा जलवा, Bihar के भोजपुरी चित्रकला के लिये हर्ष की बात।

बिहार की प्रसिद्ध मंजूषा एवं मिथिला कला के बाद अब बिहार के भोजपुरी चित्रकला भी भारतीय रेलवे में अपनी अमिट छाप छोड़ सकेगी। पूर्व मध्य रेलवे ने इसकी सहमति दे दी है। इसके तहत पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले भोजपुरी भाषी रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों में भोजपुरी पेंटिंग को स्थान दिया जायेगा। सोमवार से आरा रेलवे जंक्शन के कॉरिडोर से इसकी शुरुआत होगी। इसके लिए भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा को पहला वर्क ऑर्डर भी मिल गया है। इसे लेकर मोर्चा से जुड़े व अन्य भोजपुरी चित्रकारों में खासा उत्साह है।

पेंटिंग को लेकर रविवार को मोर्चा के संरक्षक भाष्कर मिश्रा, चित्रकार कमलेश कुंदन, रौशन कुमार व विजय मेहता ने मंथन किया और अंतिम रूपरेखा तय की। बता दें कि भोजपुरी चित्रकला में कोहबर व पीड़िया पारंपरिक है। इनके अलावा बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव, होली उल्लास, छठ महापर्व से जुड़ी चित्रकलाओं पर भी विचार-विमर्श हुआ।

बिहार की तीसरी कला भोजपुरी को अन्य रेल जोन में भी जगह संभव
भारतीय रेलवे में सबसे पहले मिथिला की मधुबनी पेंटिंग को स्थान मिला। फिर भागलपुर की मंजूषा कला को। भोजपुरी बिहार की तीसरी पेंटिंग है, जिसे रेलवे में स्थान मिलने जा रहा है। भोजपुरी की शुरुआत पूर्व मध्य रेलवे के आरा जंक्शन से होने जा रही है। भविष्य में इसका विस्तार रेलवे के अन्य जोन तक संभव है। भोजपुरी के शेक्सपीयर के रूप में चर्चित लोक कवि भिखारी ठाकुर व पूर्वी धुन के जनक पं महेंद्र मिश्र सारण जिले से आते हैं। सारण का प्रमुख रेलवे स्टेशन छपरा जंक्शन पूर्वोत्तर रेलवे के तहत आता है। इस रेलवे के अंतर्गत यूपी के भी कई भोजपुरी भाषी प्रमुख रेलवे स्टेशन आते हैं।

आरा में मधुबनी पेंटिंग के दस्तक से भोजपुरी कलाकारों को प्रेरणा
आज से करीब डेढ़ माह पहले आरा जंक्शन के नवनिर्मित प्लेटफॉर्म नंबर चार पर मधुबनी पेंटिंग की शुरुआत हुई। यह खबर जैसे ही मीडिया में आयी, भोजपुरी कलाकारों को लगा कि भोजपुर के प्रमुख स्टेशन पर मधुबनी पेंटिंग की दस्तक हो सकती है तो फिर भोजपुरी पेंटिंग की क्यों नहीं? स्थानीय कलाकारों ने इसके लिए रेल प्रशासन से मांग उठाई। सुनवाई नहीं होने पर भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा बनाकर रचनात्मक आंदोलन की शुरुआत की गई।

भोजपुरी भाषी जिला
बिहार : भोजपुर, बक्सर, रोहतास, कैमूर, वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण व पश्चिम चम्पारण।
यूपी : बलिया, वाराणसी, चंदौली, गोरखपुर, महाराजगंज, गाजीपुर, मिर्जापुर, मऊ, इलाहाबाद, जौनपुर, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बस्ती, गोंडा, बहराईच, सिद्धार्थ नगर व आजमगढ़।
झारखंड : पलामू व गढ़वा।
विदेश : सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो व फिजी।

Join Us

Leave a Comment