बिहार के सरकारी शिक्षकों के माथे खींची चिंता की लकीर, करना होगा ये काम, नहीं तो होगी कार्रवाई

कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्कूलों में पठन-पाठन 6 फरवरी तक बंद रहेंगे। 50 फीसद शिक्षकों की उपलब्धता के साथ स्कूल खुले रहेंगे। ऐसे में अधिकतर शिक्षक छुट्टी के मूड में दिख रहे हैं। अब शिक्षा विभाग में सभी जिलों के कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना और सर्व शिक्षा अभियान से रिपोर्ट तलब की है। कक्षा बंद होने के बाद बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए किए गए प्रयास और इसकी हर सप्ताह ही रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपना होगा।

हर सप्ताह शिक्षा पदाधिकारियों को यह रिपोर्ट सौंपनी होगी कि प्रारंभिक, मध्य, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक वर्ग के बच्चे आनलाइन शिक्षण से लाभान्वित हुए हैं। स्कूल की संख्या और छात्रों की संख्या भी रिपोर्ट में देनी है। बिहार राज्य शिक्षा परियोजना परिषद के परियोजना प्रबंधक श्रीकांत शास्त्री ने हर जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को आदेश दिया है कि हर सप्ताह शनिवार के दिन ईमेल के जरिए अपनी रिपोर्ट अनिवार्य रूप से मुख्यालय को भेज दें।

जिले के कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान देवेंद्र नारायण पंडित ने जानकारी दी कि स्कूल बंद होने से सभी शिक्षकों को अपने स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था करने का जिम्मा सौंपा गया है। सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य आवश्यक रूप से स्कूल आने वाले टीचरों को टोले का विभाजन कर छोटे-छोटे ग्रुप में बच्चों की पढ़ाई का समुचित व्यवस्था करें।

रिपोर्ट में सामने आ रही है कि कई टोला सेवक शानदार कार्य कर रहे हैं। कुछेक टीचरों का भी बेहतर प्रदर्शन है। दूरदर्शन पर भी ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए शिक्षक छात्रों को प्रेरित करें। दूरदर्शन से होने वाली ऑनलाइन पढ़ाई में सभी कक्षा के पाठ्यपुस्तक और अन्य सामग्री भी ई लोटस पर उपलब्ध है। ऑनलाइन शिक्षण में दिलचस्पी नहीं दिखाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। विभाग के इस नए फरमान से शिक्षकों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है।

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