बिहार के लाल आशुतोष ISRO में बने वैज्ञानिक, संघर्ष से भरा रहा सफलता तक का सफर

बिहार के लाल ने एक बार फिर कामयाबी हासिल कर राज्य का नाम गौरव किया है। इसरो के द्वारा वैज्ञानिक पद के लिए परीक्षा आयोजित हुई थी। 30 सितंबर 2021 को घोषित नतीजे में आशुतोष ने देशभर में 22 वी रैंक हासिल की है, जिसके बाद उनका चयन वैज्ञानिक पद के लिए हुआ है।

बिहार के पूर्णिया जिले से आने वाले आशुतोष मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं। पढ़ाई में शुरू से ही होनहार छात्र आशुतोष ने शुरुआती पढ़ाई पूर्णिया के जिला स्कूल से की। ओडिशा से बैचलर ऑफ टेक्नीशियन की डिग्री हासिल करने के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से मास्टर ऑफ टेक्नीशियन की पढ़ाई पूरी की। आशुतोष मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपना हीरो मानते हैं।

आशुतोष ने मेहनत और संघर्ष के बदौलत यह सफलता अर्जित की है। कोरोना काल में जब घर की आर्थिक की स्थिति दयनीय थी, तब आशुतोष ने प्राइवेट नौकरी कर परिवार का खर्च बहन किया और खुद की पढ़ाई जारी रखी। इसरो वैज्ञानिक की परीक्षा में ऑल इंडिया में 22 वी रैंक हासिल कर आशुतोष ने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं। आशुतोष के इस कामयाबी से उनका परिवार बेहद खुश है। इसरो जैसे संस्थानों में वैज्ञानिक के लिए चयनित होना आशुतोष की प्रतिभा को दिखाता है।

इससे पहले भी इसरो संगठन में बिहार के छात्रों का जलवा रहा है। पिछले महीने ही बिहार के ज्योति ने देशभर में तीसरा स्थान लाकर इसरो में वैज्ञानिक पद के लिए चयनित हुई थी। बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) भारत के लिए विशिष्ट उत्पाद एवं उपकरणों का विकास प्रदान करता है। इसरो ने अंतरिक्ष में अब तक देश के लिए कई सफल और ऐतिहासिक परीक्षण किए हैं। मौसम का पूर्वानुमान, भोगौलिक शिक्षा का प्रसारण करना, शिक्षा से संबंधित प्रसारण संचार का पता लगाना इसरो का प्रमुख कार्य है।

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