बिहार के मुंगेर जिले में स्थित काली पहाड़ी पर्यटन स्थल के तौर पर उभरेगा, सृजित होंगे रोजगार के अवसर

शीघ्र ही मुंगेर की ऐतिहासिक काली पहाड़ी को पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। जिला प्रशासन इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। काली पहाड़ी में बनी नहर में सैलानी नौका बिहार का लुत्फ उठाते नजर आएंगे। जिला प्रशासन इसके लिए डीपीआर तैयार कर पर्यटन विभाग को सौंपेगा। ऐतिहासिक काली पहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने के बाद सैकड़ों लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। सरकार के राजस्व में इजाफा होगा।

नगर परिषद के क्षेत्र में बनने वाले नौका विहार पर बड़ी लागत आएगी। जिलाधिकारी के माध्यम से इसकी रिपोर्ट तैयार कर पर्यटन विभाग को भेजा जाएगा। इस परियोजना में 12 से 13 बीघा जमीन की आवश्यकता है। अंचल के अमीन संजय कुमार और सीआई रमेश प्रसाद की मौजूदगी में 1950 फीट भूमि मापी का काम पूरा कर लिया गया है। बाकी के भूमि मापने का काम नक्शे के आधार पर किया जा रहा है।

बता दें कि पर्यटन के क्षेत्र में मुंगेर काली नहर विकसित करने में नौकायन का सफल संचालन के लिए गंगा व पहाड़ से निकलने वाले झरना के पानी को एकत्रित कर इसे जमीनी रूप दिया जाएगा। पर्यटन के लिहाज से यह योजना सफल हो इसके लिए गंगा नदी से पाइप लाइन के माध्यम से रेलवे और पेयजल आपूर्ति योजना के लिए लाए जा रहे पानी का उपयोग किया जाएगा।

नौका बिहार शुरू होने से सैलानी पहुंचेंगे। रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। बता दें कि काली पहाड़ी का इतिहास सदियों पुराना है। धर्मालंबी अमित कुमार बताते हैं कि अज्ञात वनवास के दौरान पांडव पुत्र काली पहाड़ी आए थे और यहां रह कर मां यमला काली की पूजा-अर्चना की थी। पहाड़ी इलाका पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होना मुंगेर और जिले के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है।

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