बिहार के कैमूर में NHAI टीम ने ड्रोन से किया सर्वे, बनारस से कोलकाता तक बनेगी सड़क

NHAI टीम के द्वारा कैमूर जिले से होकर गुजरने वाले वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेस-वे सर्वे का काम जिले के चैनपुर प्रखंड में शुरू हो गया है।

NAHI टीम ने सर्वे शुरू किया और इसके लिए आसमान में ड्रोन कैमरा उड़ता नजर देख स्थानीय किसानों और ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। मिली खबर के अनुसार, 26 जनवरी को दोपहर में कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड के सिकंदरपुर गाजीपुर मौजा में ने एनएचएआई टीम ने सर्वे का काम शुरू किया है। आकाश में उड़ते हुए ड्रोन को देखकर स्थानीय ग्रामीण सहित किसानों की भारी संख्या इसे देखने के लिए जुट गई।

गांव के किसान और मुखिया रह चुके अनिल सिंह पटेल बताते हैं कि सिकंदरपुर गाजीपुर मौजा समेत आसपास के मौजों का सर्वे 26 जनवरी को दोपहर NHAI टीम ने शुरू किया है। सर्वे टीम के अनुसार इनकी खुद की जमीन सहित गांव के संजय पांडेय, प्रधान पांडेय, अनुज पांडेय, वीरेंद्र पांडेय, विभूति पांडेय, छेदी बिंद, मुन्ना बिंद, इस्लाम अंसारी के अलावे काफी संख्या में किसानों की जमीन वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहण किया गया है। इसके बावजूद भी किसान बेहद खुश हैं, उन्हें भूमि का 5 गुना मुआवजा सरकार दे रही है।

किसानों ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया है। ग्रामीण इस बात से बेहद खुश हैं कि बिहार से गुजरने वाला एक्सप्रेस-वे जो केवल कैमूर व रोहतास से होकर गुजर रहा है। बता दें कि कैमूर जिले में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे की लंबाई है। इसके बनने से लोगों का जीवन सुलभ होगा। व्यापार के नजरिए से भी लोगों को काफी लाभ होंगे। जिले में विकास को नई रफ्तार मिलेगी।

जानकारी के लिए बता दें कि भारत के प्रमुख चार राज्यों को यह एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और बंगाल को जोड़ेगा। उत्तर प्रदेश के बनारस से शुरू होकर बिहार के कैमूर जिले के चांद प्रखंड में प्रवेश करेगी। जिले के 5 प्रखंडों से गुजरते हुए रोहतास जिले के शिवसागर सासाराम के रास्ते झारखंड में यह सड़क दाखिला लेगी। झारखंड की राजधानी रांची होते हुए बंगाल की राजधानी कोलकाता तक यह एक्सप्रेसवे बनेगी।

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