बिहार की बेटी कार्डबोर्ड से बनाती हैं Eco Friendly Furniture, बिकते हैं लाखों में, जानें

जैसा कि कहा जाता है कि फर्क नजर में नहीं बस नजरिये में होना चाहिए। मतलब आपका वो नजरिया आपसे बहुत कुछ अलग करवा सकता है। जैसे कि बंदना जैन के साथ हुआ। बंदना ने जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट्स से अपनी पढ़ाई की है और डिग्री के आखिरी साल में उन्हें अपना प्रोजेक्ट बनाना था। ऐसे में, वह अपने लिए कोई प्रेरणा ढूंढ़ रही थी और उन्हें कैंपस में एक जगह कार्डबोर्ड (गत्ता) दिखा। वह कहती हैं कि गत्ते के आकर्षक बनावट को देखकर उन्हें लगा कि वह इसका उपयोग कर सकती हैं। 

जैसा कि, उस समय यह मुमकिन नहीं हो पाया। लेकिन कुछ समय बाद ही बंदना ने कार्डबोर्ड से अपने कुछ प्रोजेक्ट्स किए और देखते ही देखते उनकी यह कला मशहूर हो गयी। आज वह सिर्फ बंदना जैन नहीं है, बल्कि आज उनका नाम ही एक ब्रांड बन गया है। इस ब्रांड के अंतर्गत वह लोगों के लिए कार्डबोर्ड से खास फर्नीचर और कलाकृतियाँ बना रही हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपने इस सफर के बारे में बताया।

बिहार से बंदना पहुँची मुंबई

इधर बंदना ने बताया कि, “मैं बिहार के ठाकुरगंज इलाके के एक मारवाड़ी परिवार से आती हूँ। हमारे यहाँ आज भी लड़कियों के लिए पढ़ाई-लिखाई और करियर से ज्यादा महत्व घर के काम-काज सीखना और शादी पर दिया जाता है। लेकिन मेरे मन में हमेशा से ही एक आर्टिस्ट बनने की चाह थी। मुझे स्केचिंग करना आता था। इसलिए मैं आर्ट्स के क्षेत्र में कुछ अच्छा करना चाहती थी।” 

बंदना और बतातीं हैं कि उनका पैशन, उन्हें मुंबई ले आया और यहाँ उन्होंने जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में कोर्स का पता किया। हालांकि वहाँ पर दाखिला मिल पाना बहुत ही मुश्किल था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दिन-रात मेहनत करके कॉलेज में दाखिला ले लिया।

बन्दना ने कॉलेज के आखिरी साल में ही, कार्डबोर्ड पर काम करने का सोंच आया। क्योंकि ये सुंदर होने के साथ-साथ प्रकृति के अनुकूल और टिकाऊ भी होते हैं। 

बंदना कार्डबोर्ड से बनाती हैं मजबूत फर्नीचर

आज बंदना बताती हैं कि साल 2013 में उन्होंने मात्र 13,000 रुपए के निवेश से अपना स्टूडियो शुरू किया था। कुर्सी, मेज, और सोफे आदि बनाने और कलाकृतियाँ बनाने में भी वह कार्डबोर्ड का ही इस्तेमाल कर रही हैं। बंदना कहती हैं, “मैं रीसाइकल्ड कार्डबोर्ड का इस्तेमाल करके न सिर्फ पेड़ों को कटने से बचाने में योगदान दे रही हूँ बल्कि पर्यावरण को प्रदूषण से बचा रही हूं। जबकि, लोगों को हमेशा इस बात का डर होता है कि भला गत्तों से बनी चीज कितने दिन चलेगी? लेकिन मैं जो भी उत्पाद बना रही हूँ वह सालों-साल चलने वाले हैं। एकदम अलग डिज़ाइन और मटीरियल से बने मेरे उत्पाद उतने ही अच्छे और गुणवत्ता वाले हैं, जितने कि अन्य किसी मटीरियल से बने हुए। इन परतदार कार्डबोर्ड का इस्तेमाल शिपिंग के लिए डिब्बे बनाने में होता है क्योंकि इनमें इलेक्ट्रॉनिक सामान पैक किया जाता है। ये सामान्य गत्तों से अलग होते हैं। क्योंकि इनमें दो फ्लैट शीट के बीच में एक परतदार शीट लगी होती है। जिससे यह गत्ता काफी मजबूत होता है और वजन में हल्का रहता है।”

Join Us

Leave a Comment