प्रवीण 14686 KM के बाइक ट्रिप कर बिहार पहुँचें, बिहार को जैसा सुना था उसके विपरीत बिहार को काफी खूबसूरत पाया

आज की भागमभाग भरी दुनिया में अपने शौक को पूरा करने का समय शायद ही किसी के पास है। दफ्तर में काम करने वाला व्यक्ति हो या घर चलाने वाले गृहणी सभी अपने-अपने काम में इतने व्यस्त होते हैं कि 2 दिन की छुट्टी के लिए भी सोचना पड़ता है। ऐसे में घूमने-फिरने के शौकिन लोगों को अपने आप में समझौता करना पड़ता है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो जीवन को अपने मन मुताबिक जीते हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं मुंबई के ठाणे के प्रवीण हसोलकर।

37 साल के प्रवीण को घूमने के बेहद शौकीन है। घूमने के प्रति दीवानगी इतनी की नौकरी से ब्रेक लेकर लम्बी यात्रा पर निकल गए। अपने बचत से एक लाख रुपए खर्च करके, 14686 किलोमीटर की यात्रा बाइक से ही पूरी कर ली है। इसी साल के जून में ही प्रवीण ने नौकरी छोड़ घूमने के लिए निकल गए। प्रवीण ने 2008 में मास्टर्स करने के बाद एकाउंटिंग का काम करना शुरू किया। चूंकि उन्हें घूमने का शौक था, इसलिए उन्होंने कुछ समय बाद ट्रेवल कंपनी में काम करना शुरू किया।

द बेटर इंडिया से बातचीत में प्रवीण ने बताया कि देश और दुनिया घूम सकूं इसलिए मैंने ट्रैवल कंपनी में काम करने का फैसला लिया। वहां भी छुट्टी की प्रॉब्लम थी और मैं ज्यादा घूम नहीं पाता था। दुबारा मैं वापस एकाउंटिंग का काम करने लगा। कुछ साल बेंगलुरु में मैंने काम किया। पिछले साल कोरोना काल के दौरान मैं बेंगलुरु में ही था।

इस समय प्रवीण अपने दो भाइयों और माँ के साथ ठाने में रहते हैं। प्रवीण जब घर आए तब उन्होंने नौकरी छोड़ने के बारे में परिवार वालों को बताया। वह बताते हैं कि मैं अक्सर समय मिलने पर छोटी-छोटी यात्रा करता रहता था। मेरे घूमने के शौक के बारे में भी सभी जानते हैं। इसलिए परिवार वालों मेरा सपोर्ट किया।

प्रवीण ने अगस्त में Hero Honda CBZ Xtreme बाइक लेकर लंबे सफर पर निकल पड़े। 1000 किलोमीटर की दूरी तय कर मुंबई से गवालियर पहुंचे। अन्य दिनों में परवीन रोजाना 140 किलोमीटर बाइक चलाते थे। उन्होंने अपने पास एक बैग में दो शर्ट, दो पेंट, ठंड के लिए दो जैकेट, एक चादर, अपने जरूरी कागजात और बाकि जरूरी के सामान रखा था।

मुंबई में पले-पढ़े प्रवीण जब बिहार पहुंचे तो उन्होंने यहां के संस्कृति और लोगों के बारे में जानने का मन बनाया। ‌राजधानी पटना में तीन दिन रुक कर बोध गया, राजगीर, पूर्णिया और दशरथ मांझी के गांव गहलौर का दर्शन किया। प्रवीण ने बिहार के बारे में जैसा सुना था उसके उलट वह बिहार से काफी प्रभावित हुए। बिहार के बारे में प्रवीण ने बताया कि यहां की सड़कों ने उन्हें बेहद परेशान किया तो यहां के लोग काफी मिलनसार स्वभाव के मिले। उन्होंने कहा कि सड़कों की हालत सुधारने से बिहार के पर्यटन को और भी बढ़ावा मिलेगा।

Source- The Better India

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