पिता हैं दिहाड़ी मजदूर और बेटे ने इसरो में वैज्ञानिक बनकर किया कमाल, ये है कहानी

सफलता किसी परिचय की मोहताज नहीं होती। कई ऐसे युवा भी होते हैं जो तमाम उतार-चढ़ाव के बाबजूद सफलता के नए आयाम स्थापित कर दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। एक ऐसे ही कहानी सोमनाथ माली की है जिन्होंने बेहद ही साधारण परिवार से आकर सफलता के झंडे गाड़ दिए। इनकी यह कहानी हर किसी को पढ़नी चाहिए।

सोमनाथ माली महाराष्ट्र के शोलापुर से आते हैं। शुरुआती पढ़ाई जिला परिषद प्राइमरी स्कूल से पूरी की। फिर 12वीं की पढ़ाई केबीपी कॉलेज से 81 प्रतिशत अंकों के साथ पूरी की। फिर माली ने मुंबई से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। फिर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से मास्टर ऑफ टेक्नीशियन की पढ़ाई पूरी की। फिर इंफोसिस में नौकरी लगी। इसी दौरान उन्होंने नवंबर 2019 में इसरो में सीनियर साइंटिस्ट के लिए निकली भर्ती में आवेदन किया। यहां उन्होंने बाजी मारते हुए सफलता प्राप्त की।

यहां तक सफर संघर्षों से भरा रहा है। एक वक्त ऐसा भी जब पढ़ाई का खर्च वहन करने में असमर्थ माता पिता ने खेतों में मजदूरी की। और सोमनाथ ने अपने प्रतिभा के दम पर परिवार के सपनों को साकार किया। सोमनाथ देश के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते हैं। सोमनाथ मिश्रा के chandrayaan-3 अंतरिक्ष स्टेशन और योजनाओं में शामिल होने की ख्वाहिश रखते हैं। ‌सोमनाथ की कहानी दूसरे लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

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