पटना नगर निगम का फैसला पटना में रह रहे किरायेदारों को भी देना होगा टैक्स और इस साल नहीं होगा छठघाट निर्माण

नगर निगम की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। राजधानी पटना में रह रहे किरायेदारों को भी टैक्स चुकता करना होगा। अब किराएदार कचरा उठाव के लिए भी शुल्क देंगे। राजधानी के दुकानदारों और कारोबारियों के लिए शुभ समाचार है, नगर निगम ने लॉकडाउन में बंद रहने वाले दुकानदारों से एक निश्चित अवधि के लिए कचरा शुल्क नहीं लेगा।

मकान मालिकों और किराए पर रह रहे किरायेदारों को शुल्क देना होगा। राजधानी के 19 हजार लोगों को कूड़ा उठाने के लिए डस्टबिन दिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम 3 करोड़ रूपए खर्च करेगी। बैठक की अध्यक्षता नगर निगम की मेयर सीता साहू कर रही थी। शौचालयों की स्थिति सुचारु तरीके से करने के लिए पटना नगर निगम के तहत आने वाले क्षेत्र में 87 डीलक्स शौचालयों के संचालन एवं रखरखाव के लिए टेंडर की मंजूरी मिल गई है।

खबर ये है कि जिला प्रशासन, राज्य सरकार और निगम के बीच समन्वय स्थापित ना होने के चलते पटना में छठ घाटों की तैयारी नहीं हो सकेगी। छठ पूजा में गंगा नदी के किनारे घाटों का निर्माण कराए जाने को लेकर सभी वार्ड पार्षदों ने असहमति जताते हुए विरोध किया है। स्थाई समिति के सदस्य आशीष कुमार और इंद्रदीप चंद्रवंशी ने इसके पीछे का कारण बताते हुआ कहा कि 2018 से 2020 तक हुए घाट निर्माण के पैसे अभी तक नहीं मिले हैं, जिसके चलते घाटों का निर्माण नगर निगम नहीं करेगी।

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