दरभंगा एयरपोर्ट मिथिला क्षेत्र के लिए साबित हो रहा वरदान, प्रति माह हो रहा 100 करोड़ तक का कारोबार

बिहार के दरभंगा में एयरपोर्ट के शुरू हुए बहुत ही कम समय हुए है, परंतु इतने कम समय मे दरभंगा एयरपोर्ट ने बहुत से रिकॉर्ड बनाए हैं। अब व्यावसायिक उड़ान के मामले में दरभंगा एयरपोर्ट नया रिकॉर्ड बना रहा है। शायद ही किसी ने यह सोचा होगा कि दरभंगा जैसे छोटे शहर मे हवाई सेवा की शुरुआत भी की जा सकती है, और शुरू होने ही सफलता की नई कहानी शुरू हो जाएगी, यह तो किसी ने भी नहीं सोचा होगा। पहले जो यह सोचते थे कि दरभंगा जैसे शहर मे उड़ान शुरू नहीं हो सकती ना ही चल सकती है , वे यह जानकर आश्चर्य से भर जाएंगे कि दरभंगा अंचल के कारोबार में कम-से-कम 80 से 100 करोड़ रुपये प्रति महीने की दर से का इजाफा हो गया है। आवागमन तेज और सुविधाजनक होने की वजह से यह संभव हो सका है। इसी तरह स्थानीय व्यापार में सालाना 1200 करोड़ तक की बढ़ोतरी संभावित हो रही है।

व्यापार विशेषज्ञों का कहना हैं कि एयरपोर्ट की सुविधा शुरू होने के बाद पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के बाद अब दरभंगा , बिहार का बड़ा ट्रेड हब बन चुका है। जानकारों के अनुसार दरभंगा की अर्थव्यवस्था उपभोग आधारित है। बाजार में इतना पैसा आने से जहाँ एक ओर रोजगार में इजाफा होगा, तो वहीं दूसरी तरफ उद्यमियों के पास निवेश योग्य पूंजी भी भरपूर मात्रा में आयेगी।

50 हजार नये लोगों ने रोजी-रोटी के लिए भरी उड़ान

इस दरभंगा एयरपोर्ट पर अभी तक कुल लगभग चार लाख से अधिक पैसेंजर हवाई सफर कर चुके हैं। जिनमे से 33 प्रतिशत ऐसे युवक हैं, जो आजीविका कमाने के लिए यात्रा करते हैं अर्थात वे प्रवासी कर्मी है जो काम और नौकरी की तलाश में दूसरे देश का सफर करते है। हवाई जहाज यह से पकड़ते हैं। पैसेंजर से की गयी बातचीत पर आधारित एक अनुमान के मुताबिक हर दूसरा युवक पहली बार घर से निकला हुआ पाया गया है। इस तरह गणना की जाए तो करीब सवा लाख युवकों में लगभग 50% युवक पहली बार रोजी-रोटी कमाने विदेशो की तरफ रुख किये हैं । यदि वे प्रवासी युवक हर महीने अपने घर 5 हजार भी रुपये भेजते हैं, तो महीने में कुल 30 करोड़ और साल में 3.60 अरब रुपये अपने लोगों के घरों में पहुँचेंगे

मिथिला के स्थानीय उत्पादों को मिला राष्ट्रीय बाजार

दरभंगा एयरपोर्ट हो जाने से मिथिला के प्रसिद्ध उत्पादों को बाजार में जगह मिलने लगा है, जैसे कि मुजफ्फरपुर की शाही लीची के पहले मौसम में दरभंगा से इस वर्ष 35 टन शाही लीची दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में भेजी गयी। दरभंगा मे शुरू की गई एयरपोर्ट सेवा मिथिलांचल में चिकित्सीय सुविधा मे वृद्धि हुई है। दिल्ली और गुरुग्राम से प्रसिद्द चिकित्सक दरभंगा आ रहे हैं। अनुमान के मुताबिक महीने में वे आवाजाही कर रहे हैं। कुछ एक निजी चिकित्सा संस्थानों में वह माह में दो बार आ रहे हैं। लोगों के लिए अब स्वस्थ से संबंधित चिकित्सा सेवाएँ भी आसान हो गई है।

प्रति व्यक्ति आय में होगा इजाफा

दरभंगा में हवाई सेवा शुरू होने से शहर में सिटी ट्रांसपोर्ट खासकर टैक्सी सेवाओं में लगभग 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इस क्षेत्र में लोगों को रोजगार के सबसे अधिक अवसर मिले हैं। यहाँ स्टैंडर्ड होटल खोलने के लिए भी आवेदन भी आ चुके हैं। दरभंगा हवाई अड्डे के 80 प्रतिशत कर्मचारी स्थानीय ही हैं। एयर हॉस्टेस भी स्थानीय हैं।

उत्तर बिहार के तरक्की के लिए खुली नई राह

आपको बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट अधिकारियों के निदेशक मनीष कुमार है जो बताते हैं की एयरपोर्ट शुरू होने के बाद इस क्षेत्र की आर्थिक तरक्की मे जबरदस्त इजाफा हुआ है, तरक्की की नयी राह खुल रही है। इस वर्ष 35 टन लीची विभिन्न शहरों मे भेजा गया है, साथ ही बहुत जल्द कार्गो सेवा को भी विस्तारित किया जाने वाला है जिससे दरभंगा की मुख्य पहचान अर्थात मछली व पान को भी बाहर भेजा जा सकेगा। धनिया बेंगलुरु से आ रहा है। जो कि यहाँ से पूरे बिहार को जाता है।

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