टाटा ने दिया कर्मचारियों को गिफ्ट, इस स्कीम से अपनी जॉब दे सकेंगे अपने बेटे-बेटियों और दामाद को

रतन टाटा की इकाई टाटा स्टील देश ही नहीं विश्व की दिग्गज कंपनियों में इसकी गिनती होती है। इस कंपनी में नौकरी करना लोगों का सपना होता है। अगर आपके कोई चिर परिचित या रिश्तेदार कंपनी में पहले से नौकरी कर रहे हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है। टाटा स्टील कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए ‘सुनहरे भविष्य’ नाम की योजना की शुरुआत की है। इस प्लान के तहत टाटा ने दो स्कीम की शुरुआत की है।

कंपनी के पहला स्कीम के नाम जॉब फॉर जॉब’ है। न्यूनतम 52 वर्ष के आयु वाले व्यक्ति ही इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। इस उम्र के कर्मचारी अपनी नौकरी अपने बेटे, बेटी, दामाद या किसी अन्य जरूरतमन्द शख्स को ट्रांसफर कर सकते हैं। जबकि दूसरा स्कीम अर्ली सेपरेशन का लाभ लेने के लिए कर्मचारी की न्यूनतम आयु 45 साल होनी चाहिए। वही कर्मचारी उठा सकते हैं जब डिपार्टमेंटल ऐड उन्हें रिलीज करने की स्वीकृत देता है।

दोनों स्कीम का एकसाथ लाभ लेने वाले कर्मचारी को 55 साल तक वर्तमान बेसिक-डीए की कुल राशि मिलती रहेगी। 55 साल के बाद कर्मचारी का नामित आश्रित जॉब फॉर जॉब के लिए टाटा स्टील में अप्लाई कर सकेगा। कंपनी जॉब तभी देगी जब आप एआईटीटी की परीक्षा पास कर लेंगे। परीक्षा पास करने के बाद प्रशिक्षित दिया जाएगा।

बता दें कि टाटा स्टील प्रबंधन अपने कर्मचारियों को और भी कई सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। जनवरी माह से कर्मचारियों को गेस्ट हाउस के बदले होटल की सुविधा दी जाएगी। बीते दिन कंपनी प्रबंधन व टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच बैठक हुई। कई सुविधाओं और योजनाओं पर विचार विमर्श हुआ। 2018 बैच के 319 ट्रेड अप्रेंटिस के स्टाइपेंड 7000 रुपए से बढ़ाकर 15000 हजार रुपए मासिक करने का अहम फैसला लिया गया है।

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