जातिगत जनगणना पर केंद्र की उदासीनता पर बोले नीतीश- राज्य स्तर पर ही आंकड़ों की गणना हो सकती है।

ओबीसी जातीय जनगणना को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। बिहार में सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हर कोई अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है। सीएम नीतीश शुरू से ही ओबीसी जाति जनगणन करवाने के पक्ष में रहे हैं। इसके लिए सीएम नीतीश मिलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से समय भी मांगा था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

ऐसे में सीएम नीतीश ने यह संकेत दिया कि बिहार में अपने स्तर से ओबीसी जाति की जनगणना करवा सकते हैं। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इसको लेकर सीएम नीतीश से पेशकश की थी। ओबीसी जातीय जनगणना की मांग शुरू से ही उठती रही है।

बता दें कि मौजूदा सरकार अपने किए गए वायदे से पहले ही कदम पीछे खींच चुकी है। सरकार जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सीएम नीतीश के इस पहल को भाजपा कहां तक देखती है।

जानकारी हो कि आखिरी बार ओबीसी जनगणना आज से 90 साल पहले 1932 में हुई थी, जिसे समय मंडल कमीशन लागू हुआ था। सीएम नीतीश ने सक्रियता दिखाते हुए कहा है कि अगर केंद्र सरकार इस पर कोई संज्ञान नहीं लेती है, तो हम खुद अपने स्तर से बिहार में ओबीसी जाति जनगणना करवाएंगे ।

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