ऑटोरिक्शा चालक की बेटी ने मेहनत से बदली किस्मत, मिला 41 लाख रुपए पैकेज

कहा जाता है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प ही सफलता की कुंजी है। अमृता करांडे जिनके पिता ऑटोरिक्शा चालक है, अमृता ने अपने मेहनत और दृढ़ संकल्प के बदौलत अपनी तकदीर बदल दी और 41 लाख रुपये का पैकेज प्राप्त किया।

अमृता करांडे महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली है। अमृता फिलहाल कोल्हापुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआईटी) में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर में है। प्री-प्लेसमेंट के दौरान अमेरिका की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनी में से एक एडोब (Adobe) ने अमृता को 41 लाख रुपए ऑफर किया है। अमृता कंपनी के नोएडा ऑफिस में जॉइन करेंगा। अमृता एडोब में सॉफ्टवेयर डिवलेपमेंट इंजीनियर के तौर पर कार्य करेंगी।

अमृता एक मध्यमवर्गीय परिवार से है। उनके पिता विजय कुमार एक ऑटोरिक्शा चालक हैं और माता गृहिणी है। एक इंटरव्यू के दौरान अमृता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ‘उनके पढ़ाई के लिए माता-पिता ने काफी मेहनत की है। मुझे खुशी है कि मैं उनकी मेहनत के बाद उन्हें कुछ खुशी दे पाई। अमृता ने बताया कि वो भारत में इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य करना चाहती हैं।’

कोल्हापुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआईटी) के चेयरमैन सुनील कुलकर्णी ने जानकारी देते हुए बताया कि एडोब (Adobe) की ओर से आयोजित की गई कोडिंग कंपीटिशन में अमृता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इसके एडोब ने अमृता को कंपनी ने ढाई महीने की इंटर्नशिप ऑफर की। इंटर्नशिप के दौरान कंपनी ने अमृता को 1 लाख रुपये प्रतिमाह की स्कॉलरशिप भी दी। उसके बाद कंपनी ने उन्हें सीधे तौर पर 41 लाख रुपये का ऑफर लेटर दिया है। केआईटी के चेयरमैन के मुताबिक पश्चिमी महाराष्ट्र से यह अपनी तरह का अनूठा मामला है, जहां एक कॉलेज की छात्रा को इतना बड़ा पैकेज मिला है।

अमृता के माता-पिता ने अपनी बेटी की सफलता से काफी खुश है, अमृता के पिता ने बताया कि अमृता बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी रही है। उसने 10वीं में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था। फिर 12वीं की पढ़ाई साइंस के की। अमृता की इक्षा पहले डॉक्टर बनने की थी लेकिन फिर उसने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में रुचि दिखाते हुए केआईटी में दाखिला लिया। अब पढ़ाई पूरा होने से पहले नौकरी के लिए जो ऑफर मिला है, उससे हम बहुत खुश हैं।

Join Us

Leave a Comment