एक शिक्षिका ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर, पोषण से लेकर पर्सनालिटी डेवेलपमेंट पर जोर

सरकारी स्कूलों और विशेषकर गांव में बनाया गया जब सरकारी प्राइमरी विद्यालयों की बात होती है, तो इसको लेकर लोगों के मन में जो अवधारणा बैठी है, तरह-तरह की बातें नकारात्मक भाव उत्पन्न होने लगते हैं। लेकिन इसी बीच कई ऐसे ही स्कूल भी हैं जिनकी स्थिति निजी विद्यालय से भी बेहतर है। अब धीरे-धीरे स्थिति बदल रही है। अब शिक्षक विद्यालय में शिक्षा अनुकूल परिस्थिति के साथ स्कूल की खूबसूरती में भी चार चांद लगा रहे हैं।

एक ऐसी ही सुखद और खुबसूरत तस्वीर आई है। उत्तर प्रदेश के बहराइच से जिसकी तस्वीरें बदलती भारत की तस्वीर को बयां कर रही है। साल 2018 में यहां पर एक युवा शिक्षिका शालिनी वर्मा की तैनाती हुई, जिसके बाद शालिनी, उनके साथी शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के समर्पण और दृढ़ संकल्प से इस स्कूल में शिक्षा का माहौल पहले से बेहतर और सकारात्मक हुआ है। जिसके बाद शालिनी और उनके साथी शिक्षकों की प्रसंशा चारों ओर हो रही है।

विद्यालय के चारों ओर लगी फूल और दीवारों पर की गई खुबसूरत पेंटिंग इसकी सुंदरता को बयां कर दिया है। विद्यालय के परिसर में में सब्जियां उगती हैं जिसका उपयोग मध्याहन भोजन को बनाने के क्रम में किया जाता है, फूलों की खुशबू से विद्यालय का परिसर खुशनुमा रहता है। विद्यालय परिसर में उगाई गई सब्जीयों को स्कूल के ही कैंपस के ही मिड-डे-मील में उपयोग किया जाता है। बहराइच के पड़ोसी जिले बाराबंकी से शालिनी रोजाना आती जाती थी।

शालिनी और उनके साथी शिक्षकों ने इस विद्यालय को पूरी तरह बदलने की ठान ली और सभी शिक्षकों ने एक दूसरे का खूब साथ दिया। जिसके बाद अब स्कूल की रौनक लौट आई है। विद्यालय के पठन पाठन से लेकर खूबसूरती की चर्चा चारों ओर होती है।किसान परिवार से आने वाली शालिनी नवोदय विद्यालय में पढ़ी–बड़ी है।

Input Source- Daily Bihar

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