तेजस्वी से मिलने पहुँचे थे तेजप्रताप आंतरिक कलह चरम पर, नहीं हुई मुलाकात

राजद में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अंदरूनी कलह एकबार फिर तेज हो गई है। लालू के दोनों लाल तेज और तेजस्वी अलग-अलग गुट में दिख रहे हैं। तेज प्रताप यादव लगातार पार्टी पर कहर बनकर टूट रहे हैं, अपने ही पार्टी के नेताओं केविरुद्ध तेज ने मोर्चा खोल रखा है। बीते दिन ही भाई तेजस्वी के सलाहकार को प्रवासी बताया था। जिसके बाद बिहार की राजनीति चरम सीमा पर हैं। मामला छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने को लेकर है।

तेज प्रताप कहते हैं– “मैं तेजस्वी से मिलने आया था, जैसे ही बात शुरू हुई, संजय यादव बीच में रोककर उन्हें लेकर चले गए, वो कौन है हमारे बीच में आने वाला?” तेज ने मीडिया से बातचीत में कहा– अब पार्टी दफ्तर में ही जनता दरबार लगाएंगे।” तेज की नाराजगी इतनी है कि वो पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शिरकत ना होने की धमकी भी दी है।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही पटना में हुई छात्र राजद की बैठक के बैनर में तेजस्वी को गायब कर दिया गया था, जिसके बाद से ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई थी। मामला तब और बिगड़ गया जब तेज प्रताप के करीबी आकाश यादव को छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष से हटाते हुए गगन यादव को छात्र राजद का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। इसके बाद से ही तेज प्रताप काफी गुस्से में दिख रहे हैं।

तेज प्रताप ने बीते दिन अपने ट्वीट के जरिए निशाना साधते हुए यह लिखा था–”जिस प्रवासी सलाहकार के इशारों पर पार्टी चल रही है, वे हरियाणा में अपने परिवार से किसी को सरपंच नहीं बनवा सकता। वो खाक मेरे अर्जुन (तेजस्वी) को मुख्यमंत्री बनाएगा। वो प्रवासी सलाहकार सिर्फ लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा कर सकता है।”

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