PMKSY Subsidy Yojna: बिहार के किसानों के लिए खुशखबरी, खेती के लिए मिलेगा 90 प्रतिशत अनुदान।

PMKSY Subsidy Yojna: बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के किसानों के लिए अब खेतों को जल देना सुलभ होने जा रहा है। टोटल मिलाकर प्रदेश के खेती यारों को अपने खेतों की खेती के लिए अधिक परेशान नहीं होनी होगी। इसके लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं पर काम कर रही है।

एक ओर बिहार सरकार किसानों को खेती के लिए खेत में पानी उपलब्ध कराने के लिए बिजली कनेक्शन देने में लगी हुई है। सूखाग्रस्त क्षेत्रों में ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation) तथा स्प्रिंकलर तकनीक (Sprinkler Irrigation) से खेतों की खेती करना किसानों के लिए खूब फायदेमंद है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई के तहत किसानों को अनुदान मिलता है।

PMKSY Subsidy Yojna में 90 प्रतिशत का अनुदान।

बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई स्कीम के तहत ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation) तकनीक का लाभ उठाने के लिए किसानों से एप्लीकेशन मांगे हैं। अगर आप बिहार के रहने वाले हैं तो अपने खेतों में यह तकनीक लगाना चाहते हैं तो आपको इस योजना (PMKSY Subsidy Yojna) के तहत 90 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा।

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PMKSY Subsidy Yojna का लाभ सभी किसानों को

बता दें कि बिहार कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय के द्वारा स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को अपनाने के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई स्कीम (PMKSY Subsidy Yojna) के तहत 90 फीसदी तक सब्सिडी दिया जा रहा है। सब्सिडी की व्यवस्था तमाम श्रेणी के किसानों को है। किसान इस स्कीम का लाभ लेने के लिये अपने पास के जिले में स्थित उद्यान विभाग के दफ्तर में सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क साध सकते हैं। स्प्रिंकलर पर अनुदान का डायरेक्ट लाभ लेने के लिये आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर आवेदन कर सकते हैं।

क्या है  स्प्रिंकलर सिंचाई (Sprinkler Irrigation) तकनीक।

स्प्रिंकलर सिंचाई (Sprinkler Irrigation) तकनीक के तहत कम पानी का उपयोग कर फव्वारा से फसलों की सिंचाई की जाती है। स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक में मुख्य रूप से तीन तरह की स्प्रिंकलर मिनी, माइक्रो, पोर्टेबल स्प्रिंकलर का उपयोग होता है।

  • मिनी स्प्रिंकलर (Mini Sprinkler)- इसका उपयोग से सब्जी, चाय, आलू, प्याज, धान और गेहूं जैसे फसलों में सिंचाई में उपयोग होता है।
  • माइक्रो स्प्रिंकलर (Micro Sprinkler)- लीची, पॉलीहाउस और शेडनेट हाउस नेट या बागवानी में उगाए जाने वाले फसलों के सिंचाई में उपयोग किया जाता है।
  • पोर्टेबल स्प्रिंकलर (Portable Sprinkler)- इस स्प्रिंकलर का उपयोग दलहन-तिहलन, धान और गेहूं की खेती में सिंचाई में किया जाता है।

PMKSY Subsidy Yojna से कम लागत में दोगुनी आमदनी।

गन्ना खेती में सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई पद्धति (Drip Irrigation System) अपना कर बिहार सरकार के द्वारा 90 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ पाए। ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) को अपना कर अधिकतम उत्पादन पाएं। इस योजना (PMKSY Subsidy Yojna) 90 प्रतिशत पाएं और कम लागत में ही दोगुनी आय कमाएं।

बिहार में फिलहाल 7 लाख से अधिक पंपसेट

पिछले दिनों बिहार सरकार ने प्रदेश के अंदर पंपसेटों की गणना की। जिसके तहत राज्य के अंदर वर्तमान में 7 लाख से ज्यादा पंपसेट हैं। जो खेती में प्रयोग हो रहे हैं। असल में प्रदेश के अंदर टोटल डेढ़ करोड़ किसान हैं। वहीं दूसरे आंकड़ें के मुताबिक बिहार सरकार फिलहाल तक 3 लाख से ज्यादा किसानों को बिजली का कृषि कनेक्शन दे दी है। जानकारी के अनुसार सरकार की स्कीम पीएम कृषि सिंंचाई स्कीम (PMKSY Subsidy Yojna) का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसानों को देने की है। इसको लेकर योजनाएं बनाई गई हैं।

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