Income Tax Regime: सरकार का नया फरमान, नए-पुराने दोनों टैक्स स्लैब नहीं चुनने पर ऐसे कटेगा टैक्स

Income Tax Regime: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नई टैक्स व्यवस्था के संदर्भ में एक नई अधिसूचना जारी की है। इसमें जानकारी दी गई है कि अगर कोई कर्मी नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था के बीच चयन करने में असफल रहता है, तो ऐसी स्थिति में नई व्यवस्था को डिफॉल्ट के रूप में लेगा और इसके तहत स्रोत पर टीडीएस घटाएगा। इस संदर्भ में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने टीडीएस कटौती को लेकर सर्कुलर जारी किया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश के लोग दो टैक्स व्यवस्थाओं के जरिए टैक्स दे रहे हैं, जिसमें एक है नई टैक्स व्यवस्था और पुरानी टैक्स व्यवस्था। अगर कोई दोनों तरह की टैक्स व्यवस्थाओं को नहीं चुन पाता है तो इस स्थिति में क्या होगा? इस बाबत सरकारी विभाग के द्वारा अधिसूचना जारी किया गया है।

Total Type of Tax Slab:Two (Old and New)
Default Tax Slab:Income Tax Regime

इनकम टैक्स (Income Tax)

अब सीबीडीटी ने नई टैक्स व्यवस्था के संबंध में नई अधिसूचना जारी कर बताया कि अगर कोई कर्मी नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था के बीच चयन करने में असफल रहता है, तो कर्मी इसे नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट के रूप में लेगा और इसके तहत स्रोत पर टीडीएस घटाएगा। वित्त मंत्री की मानें तो नई टैक्स व्यवस्था 2023-24 से डिफॉल्ट होगी।

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इनकम टैक्स रिजीम (Income Tax Regime)

अधिसूचना में बताया गया कि यदि कर्मी के जरिए नोटिस नहीं दी जाती है तो यह समझा जायेगा कि कर्मचारी डिफॉल्ट कर व्यवस्था में बना है और उसने नई टैक्स व्यवस्था (Income Tax Regime) से बाहर निकलने के ऑप्शन का इस्तेमाल नहीं किया है। इस स्थिति में नियोक्ता अधिनियम की धारा 115BAC के तहत दी गई दरों के मुताबिक अधिनियम की धारा 192 के तहत इनकम पर टैक्स की कटौती होगी।

टैक्स (Tax)

यह कर्मचारी की जवाबदेही है कि वह कर्मी से इच्छित व्यवस्था के बारे में ब्यौरा मांगे और जानकारी मिलने के बाद उसके मुताबिक टैक्स काटें। ऐसे नई टैक्स व्यवस्था (New Income Tax Regime) और पुराने टैक्स व्यवस्था (Old Income Tax Regime) के बीच क्या अंतर है यह समझना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। तो आइए हम नई और पुरानी कर व्यवस्था को समझते हैं…

नई कर व्यवस्था (New Income Tax Regime)

नई टैक्स व्यवस्था (New Income Tax Regime) के तहत मूल लिमिट को बड़ा कर 3 लाख कर दिया गया है। धारा 87A के अंतर्गत छूट की राशि 7 लाख रुपये की टैक्सेबल आमदनी तक बढ़ा दी गई है। सिस्टम में 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिस्कशन किया गया है। वेतनभोगी कर्मी और पेंशनभोगी नई टैक्स व्यवस्था के तहत 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का ऑप्शन चुन सकते हैं।

पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Income Tax Regime)

जो पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Income Tax Regime) को जारी रखना चाहते हैं उन्हें धारा 80 सी की तरह छूट मिलेगी, जो टैक्स योग्य आमदनी को डेढ़ लाख रुपए तक कम कर सकती है। बुनियादी और टैक्स स्लैब छूट की सीमा में कोई चेंज नहीं किया गया है। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और पुरानी टैक्स व्यवस्था पर कटौती की पेशकश होती है, जो पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुनना चाहते हैं।

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