साल 2022 में मिला मुंगेर को कई सौगात, इन परियोजनाओं से बदली जिले की तस्वीर

मुंगेर के लिए साल 2022 सौगातो से भरा हुआ रहा। एक तरफ जहां 19 साल बाद दक्षिण तथा उत्तर बिहार को संपर्क करने वाला साढ़े 14 किमी का मुंगेर गंगा सड़क पुल श्री कृष्ण सेतु का सौगात मिला, वहीं सालों से निर्माणाधीन घोरघट ब्रिज का तोहफा मिला। एक ओर मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन का निर्माण शुरू हुआ, वहीं दूसरी ओर नेशनल हाईवे -80 का जीर्णोद्धार शुरू हुआ है, मुंगेरवासी इस वर्ष को तौहफा का साल कहते हुए नहीं थक रहे।

बता दें कि 11 फरवरी 2022 को उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला 14.5 किमी लंबे रेल सह सड़क पुल का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने किया‌। 19 साल के लंबे प्रतीक्षा के बाद मिला यह तोहफा से मुंगेर के लोगों में खूब खुशी है। मुंगेर की जनता की उम्मीदों और उनके दर्द को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने समझा तथा उन्होंने दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के जरिए 26 दिसंबर 2002 को मुंगेर में इस श्रीकृष्ण सेतु की नींव रखी। उस वक्त इस महत्वाकांक्षी डबल डेकर पुल की टोटल अनुमानित लागत 921 करोड़ थी। लेकिन अब जब नींव के तकरीबन 19 साल दो महीने बाद इसके शुभारंभ का वक्त आया तो इसकी टोटल लागत तीन गुना बढ़कर 2777 करोड़ रुपए पहुंच गई। लेकिन अंततः अब जाकर मुंगेर के लोगों का सपना साकार हुआ।

मुख्यमंत्री नीतीश ने 11 फरवरी को मुंगेर की लाइफ लाइन घोरघट पुल का शुभारंभ किया। दशकों से इसका इंतजार मुंगेर के लोगों को था। क्योंकि यह पुल नेशनल हाईवे 80 को मुंगेर और भागलपुर को जोड़ती है। जानकारी हो कि मुख्यमंत्री नीतीश का काफिला जब श्रावणी मेला का उद्घाटन करने के लिए सुल्तानगंज घोरघाट बेली ब्रिज के रास्ते से गुजर रहा था और उसी वक्त से मुंगेर से भागलपुर और जाने वाले घोरघट पुल पर बड़े गाड़ियों की आवागमन पर प्रतिबंध लगा दी गई थी। मुख्यमंत्री ने यहां समांतर पुल निर्माण की मंजूरी दी। 11.6 करोड़ खर्च कर बनाए इस सेतु पर 11 फरवरी 2022 से गाड़ियां दौड़ने लगी और नेशनल हाईवे की सार्थकता चरितार्थ होना शुरू हुआ।

यू तो मुंगेर इंजीनियरिंग कॉलेज की मंजूरी साल 2018 में ही मिल गयी थी। परंतु अपना भवन नहीं होने की वजह से साल 2019 में यहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई तो कभी खड़कपुर पॉलिटेक्निक महाविद्यालय तो कभी जमुई के इंजीनियरिंग कॉलेज में जैसे-तैसे होती रही। लेकिन साल 2022 में मुंगेर इंजीनियरिंग कॉलेज का खुद का भवन बना और इसका शुभारंभ कर इसमें पढ़ाई शुरू हुई। कृषि विज्ञान केंद्र के नजदीक 10 एकड़ जमीन में 73.13 करोड़ खर्च कर भवन का निर्माण हुआ। फिर मुंगेर शिक्षा के हब में शामिल हो गया।

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