बिहार में 1467 किमी ग्रामीण सड़क निर्माण को कैबिनेट की ओर से मिली स्वीकृति।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के अंतर्गत बिहार राज्य के सभी 38 जिलों के छूटे बसावटों को संपर्कता देने हेतु 1467.205 किमी ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। बता दें कि इस योजना के अंतर्गत 250 या इससे अधिक की आबादी वाले अनजुड़े टोलों या बसावटों को बारहमासी एकल संपर्कता प्रदान की जाएगी। राज्य स्कीम के अंतर्गत जैविक कोरिडोर प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 13 जिलों में जैविक खेती को बढ़ावा देने एवं प्रमाणीकरण हेतु वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक के तीन साल के लिए कुल 104 करोड़ 36 लाख रुपये की मंजूरी दी गई।

दरसल इस योजना के अंतर्गत गंगा के किनारे जैविक कोरिडोर डेवलप किया गया है। इसमें खेती करने वाले किसानों को प्रथम वर्ष में 11500 रुपये प्रति एकड़ जबकि तीसरे वर्ष 65 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अग्रिम अनुदान भी दिया जाएगा। हालांकि इसका मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण एवं जल को प्रदूषण से बचाना है।कैबिनेट ने पश्चिम चंपारण जिले के समेकित थरूहट विकास योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य योजना में प्रस्तावित योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु कजल 29 करोड़ 28 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है।

यह राशि समेकित थरूहट विकास अभिकरण, पश्चिम चंपारण को उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 तक योजना पर खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा कैबिनेट की ओर से इस वर्ष भी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर कैदियों को जेल से रिहाई की मंजूरी प्रदान की गई। राज्य सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चिन्हित श्रेणी के कैदियों को विशेष रूप से जेल से मुक्त कराने का अधिकार है। हालांकि जेल से छूटने का लाभ कैदियों को निर्धारित योग्यता व अयोग्यता के आधार पर होता है।

वहीं कैबिनेट द्वारा लिए गए कुछ अन्य फैसले है जिसमे
कैबिनेट ने निगरानी विभाग के कार्यपालक अभियंता सह विशेष कार्यपालक अधिकारी अरुण कुमार ठाकुर को 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्ति के बाद संविदा के आधार पर 2 वर्ष तक नियोजित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी। साथ ही विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के तहत संचालित राजकीय अभियंत्रण विभाग व राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में राज्य प्रावैधिकी शिक्षा परिषद, पटना में लिपिकीय संवर्ग के पहले से सृजित पदों के पुनर्गठन की मंजूरी दी गई।

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