बिहार के मजदूरों के लिए खुशखबरी, करोड़ो कामगारों को मनरेगा के तहत मिलेगा काम।

भारत सरकार ने बिहार को मनरेगा के तहत वित्तीय साल और 2022-23 में 7.5 करोड़ तथा मानव दिवस के सृजन को मंजूरी दे दी है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की इम्पावर्ड कमेटी की मीटिंग में बिहार की डिमांड पर मंथन करते हुए इसकी स्वीकृति दी गई। जल्द इस कमेटी की अनुशंसा पर मिनिस्ट्री बिहार के लिए मंजूरी पत्र निर्गत करेगा और इसके अनुसार राशि आवंटन का प्रोसेस होगा। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कार्यदिवस की स्वीकृति के बारे में बताया।

बिहार सरकार ने वित्तीय साल 2022-23 के लिए भालत सरकार को 27.26 करोड़ मानव दिवस सृजित का प्रस्ताव दिया था। इसके विरुद्ध केंद्र ने राज्य के लिए 15 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का टारगेट फिक्स किया। इस टारगेट के अगस्त में प्राप्त कर लेने के पश्चात 12 करोड़ मानव दिवस का टारगेट और बढ़ाने की डिमांड केंद्र से की गई। फिर ढाई करोड़ तथा पानी कि टोटल 17.5 करोड़ नया टारगेट बिहार का निर्धारित हुआ।

पूरे बिहार में 18.46 करोड़ मानव दिवस नवम्बर महीने में ही पूरा कर लिया गया तथा दिवस सृजित करने को लेकर निरंतर केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के द्वारा दो लेटर दिए गये 14 दिसम्बर को साढ़े सात करोड़ मानव दिवस सृजन की मंजूरी के बाद राज्य में जबतक यह सबसे ज्यादा मानव दिवस का रिकॉर्ड बन गया। कोविड के पश्चात 2020-21 में राज्य को केंद्र सरकार ने 22.5 करोड़ मानव दिवस मंजूर किया था, जो अबतक का सबसे अधिक था।

बता दें कि मनरेगा के तहत बिहार के 5 से 5.50 लाख कामगारों को प्रतिदिन काम मिल रहा है। चूंकि केंद्र की ओर से 250 करोड़ अब तक नहीं देने फिलहाल भारी संख्या में मजदूरों का भुगतान बकाया है। साथ ही सर्दी का मौसम काम के प्रतिकूल है। परन्तु 15 जनवरी के पश्चात काम तेज होने की उम्मीद हैं। विभागीय मिली जानकारी के बाद यह उपलब्धि प्रतिदिन 10 लाख कामगारों को काम देने तक पहुंच सकती है। इस तरह ढाई से तीन करोड़ लोगों को एक माह में काम मिलेगा।

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