देश का पहला ऐसा हाईवे जिसपे जितना चलेंगे उतना ही देना होगा टोल, 1257 किमी का सफर सिर्फ 15 घंटे में होगा पूरा।

पंजाब के अमृतसर-गुजरात के जामनगर तक देश का दूसरा सबसे बड़ा ग्रीन कॉरिडोर होगा। यह हाईवे पचपदरा बाड़मेर रिफाइनरी समेत 3 रिफाइनरी को कनेक्ट करेगा। बता दें कि 1257 किमी लंबे इस अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे का 70% काम पूरा हो चुका है। राजस्थान में 637 किमी हाईवे है, जिसका अधिकांश काम पूरा हो गया है। इस ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण के बाद पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व गुजरात की डाइरेक्ट कनेक्ट हो जाएगा। वर्तमान में यह दूरी तय करने में 28 घंटे लगते हैं, जबकि यह सिक्स लेन बनने के बाद 13 घंटे कम हो जाएंगे यानी 15 घंटे में ही सफर तय हो जाएगा। इस सिक्स लेन पर वाहनों की रफ्तार 100-120 किमी. प्रति घंटा की होगी।

सितंबर 2023 तक यह परियोजना पूरा होगा। इस एक्सप्रेस पर 26 इंटरचेंज बनाए जा रहे हैं। हेलीपेड भी बनाये जाने का प्रस्तावित है। पंजाब के कपूरथला जिले के टिब्बा गांव से अमृतसर- जामनगर हाईवे शुरू होता है। अमृतसर-दिल्ली, जम्मू व कटरा को भी कनेक्ट करता है। इसका निर्माण 8 खंडों में हो रहा है। इसके लिए 30 निर्माण पैकेज दिए गए हैं। फिलहाल अमृतसर -जामनगर के बीच की दूरी 1450 किमी है, जिसे तय करने में 28 घंटे लगते हैं। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से 1450 किमी. दूरी 200 किमी. कम होकर 1257 किमी. हो जाएगी। यह दूरी मात्र 14-15 घंटे में ही तय हो जाएगी।

अमृतसर-जामनगर हाईवे बाड़मेर पचपदरा रिफाइनरी समेत देश की 3 रिफाइनरी को जोड़ेगा। पंजाब की भटिंडा रिफाइनरी, राजस्थान की पचपदरा रिफाइनरी व गुजरात की जामनगर रिफाइनरी को कनेक्ट करेगा। साथ ही पंजाब का भटिंडा थर्मल पावर प्लांट व राजस्थान का सूरतगढ़ थर्मल प्लांट को भी जोड़ेगा। वहीं, भारत-पाक बॉर्डर को भी कवर करते। देश के सबसे बड़े कांडला बंदरगाह को जोड़ेगा। यह सिक्स लेन हाईवे 4 राज्यों के 17 जिलों को कवर करेगा। पंजाब के अमृतसर, हनुमानगढ़, जालंधर, गांधीधाम, फिरोजपुर, हरियाणा का सिरसा, राजस्थान का श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर व जालोर, मोगा, भटिंडा, गुजरात का थराद, राधनपुर, समखियाली व जामनगर को जोड़ेगा।

अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस ऐसा हाईवे है, जिस पर सिर्फ 2 टोल होंगे। एक टोल अमृतसर में जहां से हाईवे शुरू हो रहा है वहां होगा। वहीं दूसरा जहां जामनगर में हाईवे उतर रहा है। यानी अमृतसर से जामनगर तक पहुंचने पर दूसरा टोल आएगा। जितना सफर तय करेंगे, उतना ही टोल देना होगा।जहां भी हाईवे पर दूसरे हाईवे को कनेक्ट किया गया है, वहां इंटरचेंज बनाए गए है। इंटरचेंज पर टोल है। यदि आप एक्सप्रेस पर चढ़ रहे हैं तो पहले टोल देना होगा। फिर चढ़ पाएंगे। उतरने वाले वाहनों को टोल देना होगा। इसके अतिरिक्त 24 जगहों पर पार्किंग की भी सुविधा है।

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