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BIHAR

पटना को वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात, पटना से दिल्ली का सफर केवल 5 घंटे में होगा पूरा।

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बिहार के लोगों को भारतीय रेलवे बड़ा तोहफा देने जा रही है। इस साल के आखिर तक देश के 27 मार्गों पर 18 वंदे मातरम चलाने की कवायद जारी है। पहले चरण में जिन रूटों का चयन हुआ है, उनमें पटना-वाराणसी-दिल्ली शामिल है। वंदे मातरम एक्सप्रेस के यात्री केवल चार से 5 घंटे में पटना से देश की राजधानी दिल्ली पहुंच जाएंगे। फिलहाल दिल्ली से पटना के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस को पटना से दिल्ली पहुंचने में 12 घंटे का वक्त लगता है।

रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि दिल्ली पटना रेल मार्ग पर यात्रियों का काफी लोड है। फिलहाल इस रूट पर संपूर्ण क्रांति, राजधानी और तेजस जैसी ट्रेनों का संचालन हो रहा है। बेहतर सुविधा चाहने वाले पैसेंजर्स के लिए यह ट्रेन शानदार विकल्प होगा। इस ट्रेन में यात्रियों को कई तरह की खास सुविधा मिलेगी, लोगों का समय कम लगेगा। अधिकारियों ने किराए को लेकर कोई भी बात कहने से इनकार किया है।

बता दें कि फिलहाल देश के कुछ चुनिंदा रुटों पर वंदे भारत ट्रेन चल रही है। पहली वंदे भारत ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच चली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ 15 फरवरी 2019 को किया था। ट्रेन का कमर्शियल परिचालन 17 फरवरी 2019 से शुरू हुआ। फिलहाल दिल्ली से जम्मू के बीच यह ट्रेन चल रही है। अंबाला रेल रूट पर ट्रायल चल रहा है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच रेलवे ने यह ट्रेन चलाने का फैसला लिया है।

रेलवे सूत्रों के मुताबिक ट्रेन बुलेट ट्रेन को भी पीछे छोड़ देती है। महज कुछ सेकंड में ही ट्रेन 0 से 100 किलोमीटर की स्पीड पकड़ लेती है। यह ट्रेन बेहद ही अपग्रेडेड है। इसकी विशेषताओं के वजह से ट्रेन की स्पीड दूसरों से काफी तेज है। फिलहाल वंदे भारत ट्रेन की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे की है। चरणबद्ध ढंग से वर्ष 2025 तक अपडेटेड एडिशन 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।

वंदे मातरम पूरी तरह से एसी ट्रेन है। अपडेटेड वर्जन में बोगियों को बैक्टीरिया की एयर कंडीशनिंग सिस्टम से लैस किया जाना है। इसमें यात्रियों के बैठने की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जाएगा। हर बोगी में चार इमरजेंसी खिड़की होंगे, जिससे किसी भी इमरजेंसी स्थिति में पैसेंजर्स को जल्द से जल्द निकाला जा सके।ट्रेन में बिजली गुल होने पर लाइटिंग और वेंटिलेशन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। लगभग 3 घंटे का वेंटिलेशन मौजूद होगा। तमाम बोगियों में बड़ी-बड़ी लाइटें होंगी।