Connect with us

TECH

भारत में लांच हुई पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल बस, इस शहर के लोग कर सकेंगे सफर।

Published

on

इंडिया में अब तक डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों के लिए नए ईंधनों पर लगातार काम हो रहा है। पेट्रोल-डीजल के बाद इन दिनों सीएनजी, हाइड्रोजन ईंधन, इलेक्ट्रिक आदि से चलने वाले गाड़ियों पर निरंतर काम किया जा रहा है। कुछ गाड़ी इन नए ईंधनों पर काम कर रहे हैं। रविवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने देव की पहली स्वदेशी तौर पर विकसित हाइड्रोजन ईंधन सेल बस’ को शुरू किया। इस बस को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद एवं निजी फर्म केपीआईटी लिमिटेड ने विकसित किया है तथा इसे महाराष्ट्र के पुणे में प्रदर्शित किया गया।

ग्रीन हाइड्रोजन एक उत्कृष्ट तरह का स्वच्छ ऊर्जा वेक्टर है जो उर्वरक उद्योग, रिफाइनिंग उद्योग, सीमेंट उद्योग, इस्पात उद्योग, और भारी वाणिज्यिक परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज तैयार करने में पूरी तरह सक्षम है। इस बस को ड्राइव करने के लिए ईंधन सेल हाइड्रोजन और वायु का इस्तेमाल करके विद्युत बनाता है और बस से केवल पानी निकलता है। इसलिए ये परिवहन का सबसे अधिक पर्यावरण का अनुकूल साधन हो सकता है।

प्रेस रिलीज के अनुसार लंबी सफर के मार्गों पर चलने वाली एक डीजल बस सामान्य तौर पर प्रतिवर्ष 100 टन CO2 का उत्सर्जन करती है और देश में ऐसी दस लाख से ज्यादा बसें हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाइड्रोजन ईंधन सेल ट्रकों की परिचालन की लागत डीजल पर चलने वाले ट्रकों के मुकाबले कम है और इससे माल ढुलाई में देश में क्रांति आ सकती है।