Connect with us

BIHAR

मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन को और बेहतर करने के लिए तीसरे रेल ट्रैक निर्माण को मिली मंजूरी

Published

on

मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों के बढ़ते दबाव के मद्देनजर अब तीसरी लाइन बनाई जाएगी। इसके लिए ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने प्रपोजल बना लिया है। लगभग 52 किलोमीटर लंबी इस रेलखंड पर तीसरी लाइन के निर्माण होने से ट्रैक पर दबाव कम होगा, ट्रेनों की टाइमिंग भी बेहतर होगी। ईस्ट सेंट्रल रेलवे हाजीपुर के एक बड़े अधिकारी ने जानकारी दी कि मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेल रूट पर तीसरी लाइन बनाने के लिए सोनपुर डिवीजन के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है। इस पर तेजी से काम चल रहा है। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए जल्द ही रेलवे बोर्ड को सौंपा जाएगा।

मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेलखंड पर मंडल के सभी रेलखंड से सबसे ज्यादा लोड है। इस वजह से तीसरी नई रेल लाइन निर्माण का प्रस्ताव तैयार हुआ है। इससे होकर मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी, मोतिहारी, समस्तीपुर, सहरसा रुट की ट्रेनें दिल्ली रोजाना आती-जाती हैं। लगभग 52 किलोमीटर के इस रेलखंड से प्रत्येक दिन 120 रेलगाड़िया और मालगाड़ियां गुजरती हैं। सर्वे में मालूम हुआ कि इस पर दोगुना यानी लगभग 200 फीसद दबाव है। इस वजह से ट्रैक टूटने की घटना भी बढ़ी है।

प्रतीकात्मक चित्र

मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेलखंड ट्रक की कैपेसिटी पुर्व में 22 टन थी जो अब 25 टन हो गई है। बता दे कि वॉक्सेन मालगाड़ी की एक कोच में 4 एक्सल होते हैं। एक्सल की कैपेसिटी के आधार पर ट्रैक की लोड क्षमता तय होती है। रेलवे के वरीय अधिकारियों के मुताबिक एक वैगन का वजन लगभग 25 से 30 टन होता है। इसमें 55 से 60 टन माल लोड होती है।