वनमती ने मेहनत, धैर्य और संघर्ष के बदौलत पशु चराने से लेकर IAS बनने तक का सफर तय किया, प्रेरणादायक है इनकी कहानी

कहानी एक ऐसी आईएएस अधिकारी की जिसके जिसके घर के माली हालात बचपन में बेहद खराब थे। यहां तक कि स्‍कूल जाने की उम्र में पढ़ाई के साथ-साथ उन्‍हें अपने घर के काम यानी कि भैंस चराना परता था। सी.वनमती जिन्होनें विषम परिस्थितियों में भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आईएएस अफसर बन लोगों के लिए मिशाल पेश कर दी। यूपीएससी के तैयारी कर रहे युवाओं के लिए वनमती की कहानी प्रेरणादायक है।

वनमति केरल के इरोड जिले से आती है। पढ़ाई में शुरू से ही होनहार छात्रा इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद ही शादी का दबाव पड़ने लगा था। इस दौरान एक सीरियल देखा जिसके बाद यह तय किया कि वह आईएएस अधिकारी बनेगी। यूपीएससी की तैयारी शुरू करने से पहले वनमति कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिग्री हासिल की हुई थी। परिवार का खर्च वहन करने के लिए निजी बैंक में नौकरी भी कर रही थी। वनमति ने इन सब चीजों को दरकिनार करते हुए यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

इंटरव्यू से ठीक एक दिन पहले ही सी. वनमती के पिता बीमार हो गए थे। उन्‍हें अस्‍पताल में एडमिट कराना पड़ा। अपने पिता की देखभाल करते हुए ही वनमती ने इंटरव्‍यू दिया। वनमती ने जब यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की तो पहली बार में उन्‍हें निराशा हाथ लगी लेकिन फिर भी उन्‍होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2015 में दूसरे प्रयास में ही सफलता हासिल कर वनमति आईएएस अधिकारी बन लोगों के लिए मिसाल पेश कर दी।

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