बिहार में युद्ध स्तर पर होगा सड़क व पुल परियोजनाओं का काम, विभिन्न एजेंसियों से सरकार ने लिया कर्ज

बिहार में चालू सड़क और पुल परियोजनाओं का काम अब तेजी से होगा। विभिन्न एजेंसियों से लोन लेकर नए वित्तीय साल में सड़क और पुल योजनाओं के निर्माण को रफ्तार दी जाएगी। 2300 करोड़ रुपए अकेले पटना में खर्च होंगे। विभिन्न परियोजनाओं के लिए नाबार्ड से तकरीबन 1000 करोड रुपए कर्ज के तौर पर लिया जा रहा है। इसमें 20 सड़क व 18 पुल पुलिया के निर्माण के लिए आठ सौ करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसके अलावा सत्तर घाट पुल के समानांतर बनने वाले वाटर वे के निर्माण के लिए 178 करोड़ रूपए का कर्ज लिया जाना है।

राज्य के पांच उच्च पथ निर्माण के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से 4000 करोड़ रुपए ऋण लिया जाना हैं। सड़क चिन्हित करने का काम पूरा हो गया है। बता दें कि हुडको से दो हजार करोड़ रुपए का ऋण पटना में बन रहे जेपी गंगा पथ के लिए लिया जा रहा। इस ऋण राशि से निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के काम में गति आएगी। अगले साल यानी 2023 के अप्रैल तक इस योजना का काम पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

पटना के अशोक राजपथ इलाके को जाम की समस्या से निजात दिलाने हेतु गांधी मैदान के कारगिल चौक से पटना साइंस कॉलेज के बीच फोर लेन वाली डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण 420 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। सरकार इस योजना के लिए हुडको से 300 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है। ऋण लिए जाने को लेकर कवायद शुरू हो गई है।

पटना शहर के दक्षिणी इलाके से बेहतर कनेक्टिवटी दिए जाने को मीठापुर-महुली एलिवेटेड रोड परियोजना पर कार्य शुरू हो गया है। इस बड़ी परियोजना के लिए गवर्नमेंट हुडको से कर्ज लेने का प्लान कर रही है। इस बाबत इस्टीमेट को तैयार किया जा रहा है।

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