बिहार में चाय की खेती कर बनें धनवान, किसानों को सरकार दे रही है 50 प्रतिशत अनुदान।

आज पूरे विश्व के लोगों की जुबान पर दार्जिलिंग, गुवाहाटी, असम और जम्मू-कश्मीर की चाय का स्वाद चढ़ चुका है। देश में चाय के शौकीन लोग हैं, साथ ही अधिकतर देशों में भारत से चाय का निर्यात किया जा रहा है। इस कदर बढ़ती चाय की मांग को देखकर अब बिहार में भी चाय की खेती का क्षेत्रफल बढ़ता जा रहा है।

बता दें कि बिहार के किशनगंज जिले में 25 हेक्टेयर एरिया में चाय के बगीचे फैले हुए हैं, जिसे राज्य सरकार के द्वारा ‘बिहार की चाय’ का टैग मिला है। इसके बाद किशनगंज में उपज रही चाय की पहचान पूरी दुनिया में मिल रही है। बिहार सरकार प्रदेश के किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए चाय की खेती करने पर 50 फ़ीसदी तक अनुदान दे रही है। इस स्कीम के तहत आवेदन की आखिरी तिथि 20 दिसंबर तय की गई है, जिससे पहले अप्लाई करके चाय की खेती के लिए अनुदान पा सकते हैं।

बिहार में चाय की खेती बढ़ाने के लिये राज्य सरकार के द्वारा ‘विशेष उद्यानिकी फसल योजना’ का संचालन किया जा रहा है, जिसके तहत 150 हेक्टेयर भूमि पर चाय की खेती करने वाले नए खेतीहर और चाय का विस्तार करने वाले पुराने किसानों को 50 प्रतिशत वित्तीय सब्सिडी मिलेगा।

इस योजना के तहत चाय की खेती के लिए एक हेक्टेयर पर 4 लाख 94 हजार रुपये इकाई की लागत तय की गई है। इस तरह इकाई लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान यानी अधिकतम 2 लाख 47 हजार रुपये एक हेक्टेयर पर दिया जाएगा। किसान बिहार उद्यानिकी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट
horticulture.bihar.gov.in
पर विजिट कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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