बिहार में कोसी बैराज के गेट खुलने से बाढ़ की स्थिति, इन 33 जिलों में होगी भारी बारिश, IMD का अलर्ट।

नेपाल में लगातार हो रही बारिश के वजह से बिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कोसी नदी उफान पर आ गई है। जिस वजह से कोसी बैराज के 56 में से 25 दरवाजे खोल दिए गए हैं। निचले क्षेत्रों में चेतावनी जारी की गई है। हालात यह है कि कई गांव में एक घंटा का पानी घुस गया शुरू हो गया है।

बिहार से मानसून की विदाई 15 अक्टूबर तक हो सकती है। इससे पूर्व कई जिलों में हल्की फुल्की और कहीं भारी बारिश हुई है। बिहार के तमाम जिलों में आज भी बारिश की उम्मीद है। कई जिलों में वज्रपात की संभावना है। प्रथम के दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-मध्य हिस्से में कई जगहों पर वर्षा हो सकती है। इस सप्ताह ही राज्य से मानसून की विदाई होनी है। वहीं मौसम विभाग ने राज्य के 33 जिलों में आगामी 24 घंटे तक भारी वर्षा एवं बिजली को लेकर चेतवानी जारी की है।

मौसम विभाग ने राज्य के जिन 33 जिलों में भारी बारिश की उम्मीद जताई है उनमें राजधानी पटना, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, खगड़िया, नवादा, मुंगेर, सीतामढ़ी, वैशाली, शिवहर, दरभंगा, जमुई, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, किशनगंज, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, कैमूर, गया, बाँका, मधुबनी, बक्सर, अरवल, औरंगाबाद, अररिया, पूर्णिया, सहरसा, शेखपुरा, लखीसराय, जहानाबाद और सुपौल शामिल हैं।

मौसम विभाग की मानें तो मानसून की वापसी इसी हफ्ते में हो सकती है। 15 अक्टूबर के बाद मानसून की वापसी का संकेत मिल रहे हैं। अभी राज्य भर में पछुआ हवा का प्रभाव 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा बना है। पटना का अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस, वही मोतिहारी का सर्वाधिक अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

दिवाली और छठ से पहले ही राज में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे सभी की चिंताएं बढ़ गई है। गंडक उफान पर है जिस वजह से पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के लोग बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं। गोपालगंज में सोमवार को अधिकतम दबाव से गंडक का रिंग बांध ध्वस्त हो गया था। इसे कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया। इसे तकरीबन ढाई लाख की आबादी प्रभावित हुई है। भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में गंगा लाल निशान के ऊपर है। कोसी नदी कटिहार में तबाही मचा रही है।

लगातार हो रही बज्रपात और बारिश के दौरान मौसम विभाग ने लोगों को सावधान रहने के लिए आग्रह किया है। मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट कर बताया गया है कि हल्की और मध्यम बारिश के समय वज्रपात की उम्मीद अधिक होती है।

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