बिहार में अगले 3 माह में खुलेंगी 6 हजार जनवितरण की नई दुकानें, प्रति एक हज़ार आबादी पर एक वितरण केंद्र

आने वाले तीन महीने में बिहार में लगभग 6000 नई जन वितरण (पीडीएस) दुकानें शुरू होगी। इस बात की जानकारी बिहार विधानसभा में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह ने डॉ संजीव कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न पर दिया। लेसी सिंह ने जानकारी दी कि सूबे में स्वीकृत विक्रेताओं की टोटल संख्या 55,304 हैं, जिसमें 49,381 विक्रेता सुचारू रूप से कार्यरत हैं।कोरोना के वजह से पीडीएस दुकानों के मामले लंबित थे लेकिन अब इसे तीन महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं की संख्या पुनर्निधारित करने का प्रस्ताव लंबित नहीं है। वर्तमान में शहरी इलाकों में 1350 तथा ग्रामीण एरिया में 1900 की जनसंख्या पर एक उचित मूल्य की दुकान आवंटित करने का नियम है। कठिन आवागमन वाले स्थान विशेष रूप से अनुसूचित जाति-जनजाति के इलाकों में एक हजार की जनसंख्या पर एक उचित मूल्य की दुकान आवंटित करने का प्रावधान है।

प्रतीकात्मक चित्र

मंत्री लेसी सिंह ने प्रेमचंद्र मिश्रा के तारांकित सवाल पर कहा कि संबंधित जिलों के परामर्श पर धान खरीद के तय लक्ष्य में संशोधन भी किया जाता है। जिन जिलों में धान की अत्यधिक खरीद होती है और किसानों की रुचि होती हैं, वहां लक्ष्य बढ़ाया जाता है। इस साल कटिहार, पटना, शेखपुरा, नालंदा, सीतामढ़ी व अन्य जिलों का लक्ष्य बढ़ाया गया है।

बुधवार को बिहार विधानसभा में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि साल 2013 में ही ‌हाजीपुर-सोनपुर-छपरा फोरलेन परियोजना को पूरा करना था, लेकिन जमीन अधिग्रहण में ज्यादा समय लगा और उस वजह से फोरलेन का निर्माण देरी से शुरू हुआ। अभी से फोरलेन का निर्माण में काम पूरा कराने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और निर्माण एजेंसी से बातचीत का दौर जारी है। सदन में सोनपुर के विधायक डॉ रामानुज प्रसाद द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जल्द ही फोरलेन का निर्माण शुरू हो जाएगा।

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