बिहार के इन प्रखंडों में बनेंगे 100 बेड वाले हास्‍टल, छात्रवृत्ति के लिए अब नहीं देना होगा इनकम सर्टिफिकेट

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी घोषणा की है। राज्य के 136 वैसे प्रखंडों, जहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति की संख्या 30 हजार से ज्यादा है, वहां अजा-जजा विद्यार्थियों के सरकार लिए सौ बेड का हॉस्टल बनायेगी। गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिली है। मंत्रिमंडल की बैठक में टोटल नौ प्रस्तावों को मंजूरी मिली है।

लगभग सवा घंटे चली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से यह जानकारी आई कि सूबे के 534 प्रखंडों में लगभग 136 प्रखंड ऐसे भी हैं, जहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय की संख्या 30 हजार से ज्यादा है। हरेक प्रखंड में सौ-सौ बेड के नए छात्रावास निर्माण पर मुहर लगी है।

वहीं शिक्षा विभाग के एक प्रस्ताव के बाद मंत्रिमंडल ने पोस्ट मैट्रिक की स्कॉलरशिप में आय प्रमाण-पत्रों के नियमों में राहत दी है। सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 की छात्रवृति के लिए विद्यार्थियों ने जो आय प्रमाण-पत्र दिया था, उसी के आधार पर इन छात्रों को 2019-20 और 2020-21 की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। बता दें कि कोविड के कारण दो वर्षों पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति नहीं दी जा सकी थी।

मंत्रिमंडल की बैठक में भवन निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर मंथन के बाद गेट परीक्षा उत्तीर्ण और भवन निर्माण विभाग में संविदा पर काम कर रहे 21 इंजीनियरों को एक साल का अवधि विस्तार दिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने ईसीजी, एक्सरे टेक्नीशियन की नई बहाली और सेवा शर्त नियमावली पर स्वीकृति प्रदान की है।

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