बिहार के इन दो जिलों में पेट्रोलियम की खोज के लिए प्रक्रिया शुरू, इसके लिए ONGC ने किया आवेदन

देश का सबसे बड़ा सोना भंडार बिहार के जमुई में पता चलने के बाद अब सरकार के द्वारा खुदाई के लिए अनुमति दिए जाने की खबर सामने आ रही है। अब बिहार में तेल भंडार को लेकर खोजबीन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने बक्सर और समस्तीपुर जिला में गंगा के किनारे तेल भंडार की मौजूदगी का आकलन करने को खोज के लिए पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस की प्रक्रिया स्टार्ट कर दी है।

बिहार के प्रमुख सचिव हरजोत कौर बताते हैं कि ओएनजीसी लिमिटेड ने तेल की खोज और उत्पादन के लिए बक्सर और समस्तीपुर में ओपन एरिया लाइसेंस इन पॉलिसी के तहत पीईएल के लिए अप्लाई किया है। उन्होंने बताया कि समस्तीपुर में 308.32 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र और गंगा बेसिन के बक्सर एरिया में 52.13 वर्ग किमी में तेल भंडार की स्थिति का पता लगाने के लिए बहुत जल्द खोज की प्रक्रिया शुरू होगी। इस बात पर प्रदेश सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग ने दोनों जिले के प्रशासनिक महकमे के प्रमुखों को पहले ही जानकारी दे दी है। जल्द ही इसके लिए अन्वेषण प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

प्रतीकात्मक चित्र

दोनों खंडों के लिए ओएनजीसी ने पीईएल के सब्सिडी के लिए एरिया के मानचित्र और लिस्ट की प्रतियों के साथ आवेदन शुल्क अदा किया है। इसने खान एवं भूविज्ञान विभाग को लिए आग्रह पत्र में कहा कि इलाके के लिए प्राकृतिक गैस नियम और एक पीईएल पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस नियम 1959 के नियम 5(1) के प्रावधानों के अनुसार दिया जा सकता है। पीईएल की अभीष्ट पीरियड चार साल है।

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खोज के संबंध में बताया कि पहले चरण में नवीनतम भूकंपीय डाटा रिकॉर्डिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके टूडी भूकंपीय सर्वैक्षण करना होगा। आगामी दिनों में सर्वेक्षणों को मैग्नेटो-टेल्यूरिक (एमटी) सर्वेक्षणों और गुरुत्वाकर्षण चुंबकीय के साथ पूरा होगा।

अधिकारी ने कहा है कि सर्वेक्षण से मिली हुए डाटा का अध्ययन होगा और हाई टेक्नोलॉजी वाले वर्कस्टेशन पर परिष्कृत सॉफ्टवेयर के साथ होगी। क्षेत्रों में संभावित इलाके की जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ संभावित तेल भंडार के बारे में पता तो लगाया गया था लेकिन कमर्शियल खोज नहीं हुई है। हालांकि, आगे की खोज के लिए भूवैज्ञानिक जानकारी इकट्ठा करने में सहयोग की थी।

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