बिहार का पहला तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट से शुरू हुआ बिजली उत्पादन, जानिए इसकी खासियत।

बिहार के सुपौल में जल जीवन हरियाली प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए तैरता हुआ बिजली घर से सोमवार से काम करना शुरू हो गया है। यह प्लांट जिले के पिपरा की दीनापट्टी पंचायत के सखुआ गांव में राजा पोखर में है। जानकारी के मुताबिक इस प्लांट से अभी तकरीबन 525 किलो वाट का बिजली का उत्पादन हो रहा है। बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने पिछले साल इसका शिलान्यास किया था। प्लांट से उत्पादित हो रही बिजली को पास के पावर स्टेशन के जरिए जरूरत के मुताबिक गांवों में सप्लाई की जा रही है।

कंपनी के अभियंता गावस्कर पांडे बताते हैं कि पावर प्लांट के माध्यम से 25 किलो वाट बिजली का उत्पादन पिछले दिन सोमवार से शुरू हो गया है। जिसे पास के पावर स्टेशन में सप्लाई हो रहा है। वहां से बिजली विभाग से उत्पादित बिजली को वितरित कर रही है। सखुआ के राजा पोखर में स्थापित इस पावर प्लांट से आसपास के क्षेत्र में बिजली की कमी को पूरी करने में सहायता मिलेगी।

बताते चलें कि यह राज्य का पहला सोलर फ्लोरिंग पावर प्लांट है। जहां से बिजली उत्पादन शुरू हुआ है। राजा पोखर में स्थापित इस पावर प्लांट से जहां नजदीक के क्षेत्र में बिजली की कमी पूरी करने में मदद मिलेगी वहीं इस यूनिट के स्थापित होने से इलाके वासियों में खुशी का माहौल है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इस पावर प्लांट को देखने के लिए दूरदराज से लोग आ रहे हैं, जिससे उन्हें रोजगार भी मिल रहा है।

सुपौल के राजा पोखर में स्थापित सोलर फ्लोटिंग प्लांट बिहार का पहला पोखर में तैरता हुआ बिजली इकाई है। कला में बने इस सोलर बिजली का मकसद नीचे मछली पालन और ऊपर बिजली की तरह विकसित किया गया है। यह प्लांट ड्रम के मदद से तलाब में तैरती रहती है। बिजली के अलावा इस प्लांट के कई फायदे हैं। जहां तालाब में नीचे बिना कोई रुकावट के मछली पालन हो सकता है वहीं ड्रम की मदद से बिजली का उत्पादन हो रहा है। आसपास के इलाके के लोगों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।

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