बिहार और झारखंड के बीच कम होगी दूरी, बहुप्रतिक्षित पंडुका पुल का निर्माण इस दिन से होगा शुरू।

बिहार को झारखंड से जोड़ने वाला प्रस्तावित पंडुका पुल का निर्माण कार्य बरसात के बाद शुरू हो जाएगा। इंजीनियर सुनील कुमार (मुख्य सहायक, पुल निर्माण विभाग) की माने तो बरसात के दिनों में निर्माण शुरू कराना संभव नहीं है। उन्होंने सितंबर महीने से काम शुरू होने की उम्मीद जताई है। इन दिनों निर्माण वाले जगह पर निर्माण करने वाली कंपनी ने अपना दफ्तर, गाड़ियों और दूसरे सामग्रियों के रखरखाव हेतु भूमि अधिग्रहण एवं शेड निर्माण का काम शुरू कर दिया है। निर्माण से पहले भूमि जांच जारी है।

छत्तीसगढ़ की कंपनी ने पुल निर्माण के लिए टेंडर फाइल किया है। पुल निर्माण का कार्य नौहट्टा ब्लॉक के पंडुका से झारखंड के गढ़वा जिले के श्रीनगर तक होगा। इससे रोहतास और नौहट्टा अंचल के साथ ही अन्य प्रदेशवासियों को आने जाने में सहूलियत होगी। क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में रोजगार, चिकित्सा और स्वास्थ्य के लिए झारखंड के अलग-अलग जिले के साथ ही छत्तीसगढ़ आते-जाते रहते हैं।

प्रतीकात्मक चित्र

सांस्कृतिक रूप से यह क्षेत्र झारखंड के नजदीक है। बोली, भाषा के साथ ही रिश्तेदारी के लिए सैकड़ों की तादाद में सोन नदी पार कर लोग झारखंड जाते हैं। निर्माण हो जाने से झारखंड के साथ ही छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र गाड़ियों का आवागमन इसी मार्ग से सुनिश्चित हो सकेगा। झारखंड वासियों को गुप्ता धाम रोहतास किला की यात्रा भी आसान हो जाएगा।

निर्माण होने से सुदूर इलाके के लोगों के साथ ही जिले के दूसरे हिस्सों में रहने वाले लोगों को भी लाभ होगा। चार से 5 घंटे का समय बचेगा। पुल नहीं होने के चलते इलाके वासियों को सड़क रुट से डालटेनगंज या गढ़वा जाने में 5 घंटे का समय बेकार हो जाता है। डेहरी ऑन सोन या जिला मुख्यालय सासाराम के लोग भी कैमूर की वादियों को देखते हुए सुलभता से छत्तीसगढ़, झारखंड और दूसरे राज्यों में आ-जा सकेंगे।

रोहतास और नौहट्टा प्रखंड वासियों के लिए पुल निर्माण होने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। क्षेत्र के लोग नाव का सहारा लेकर बिजनेस करने झारखंड जाते हैं, जो बरसात के समय पूरी तरह बंद हो जाता है। पटाखे की पहाड़ी क्षेत्र पर बसे गांव में काफी संख्या में खोआ बनता है। निर्माण होने से झारखंड के मार्केट में आसानी से खोआ पहुंच सकेगा।

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