बिना कोचिंग क्लासेज के ही यूपीएससी में किया टॉप, पहले प्रयास में आईएएस बनी निशा ग्रेवाल की कहानी

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) देश की सबसे मुश्किल और प्रतिष्ठित परीक्षा में से एक है। इस एग्जाम में सफलता पाने के लिए अभ्यर्थियों को दृढ़ निश्चय व निरंतर मेहनत के साथ ही सालों भर इंतजार करना पड़ता है। कई अभ्यर्थियों को इसके बावजूद भी सफलता नहीं मिलती है। लेकिन कई ऐसे युवा भी होते हैं जो बिना कोई कोचिंग क्लासेज के घर पर ही रह कर इसकी तैयारी करते हैं और सफलता हासिल कर कामयाबी की मिसाल पेश कर देते हैं। ऐसी ही कहानी 23 साल की उम्र में आईएएस बनी निशा अग्रवाल की।

निशा हरियाणा के भिवानी जिले के ग्रामीण परिवेश से आती हैं। पिता सुरेंद्र अग्रवाल बिजली विभाग में सहायक सब स्टेशन इंचार्ज है वही दादा गणित के टीचर रहे हैं जिन्होंने निशा को सफलता दिलाने में खासा सहयोग किया है। निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस महिला से साल 2019 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

निशा ने यूपीएससी की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल किया। यूपीएससी-2020 के घोषित नतीजे में उन्होंने देशभर में 51 वीं रैंक लाकर आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया। निशा के पहले उनके भाई विक्रम गरेवाल भी दो साल पहले यूपीएससी क्लियर कर चुके हैं वह भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी हैं। निशा की सफलता के पीछे उनके दादा रामफल का योगदान रहा है। उन्होंने ही निशा को पढ़ाई के लिए मोटिवेट किया और पढ़ाया। वे गणित के अलावा अन्य विषय भी पढ़ाते थे।

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