पूर्णिया के संतोष ने रेलवे की नौकरी छोड़ शुरू की सब्जी की खेती, हर महीने कमाते हैं दो से 3 लाख रुपया

लोग अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी को प्राथमिकता देते हैं। पढ़ाई पूरी होते ही नौकरी की तलाश में भटकते रहते हैं। लेकिन बिहार के इस युवा ने सरकारी नौकरी छोड़ कर किसान बनने की राह में निकल पड़े और अब लाखों की कमाई कर रहे हैं। संतोष पूर्णिया जिला के रहने वाले हैं। हिन्दी से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद संतोष ने अपने प्रतिभा के दम पर भारतीय रेलवे में नौकरी हासिल की लेकिन कुछ और करने की जीद में इन्होंने नौकरी छोड़ दी और केले की खेती शुरू करने लगे।

संतोष ने बताया कि उनके दादा और पिता पिछले 30 सालों से केले की खेती करते रहे हैं। नौकरी छोड़ने के बाद संतोष ने खेती में पिता का हाथ बंटाने लगे। लेकिन भयंकर बारिश और आंधी तूफान ने पूरे केले की फसल क्षति कर दी। संतोष का 20 बीघा में लगाया हुआ केले का फसल पूरी तरह नष्ट हो गया और लाखों रुपए का नुकसान हुआ। इसके बाद भी संतोष ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और पूरे मेहनत के साथ अलग-अलग तरह के सब्जी केले की खेती करने वाले जमीन में लगा दी।

संतोष सब्जी की खेती करके अपने आप को खुशहाल महसूस कर रहे हैं। फिलहाल अपने 20 बीघा जमीन में सब्जी की फसल उगा रहे हैं। प्रत्येक दिन सुबह के समय दुकानों पर सारी सब्जियां पहुंचा देते हैं। संतोष प्रत्येक महीने दो से तीन‌ लाख की कमाई करते हैं जबकि उन्हें 50 हजार से एक लाख रुपए के बीच मुनाफा होता है। संतोष ने अपने खेतों में टमाटर, खीरा, भिंडी, परवल और बैंगन के पौधे लगाए हैं।

संतोष भविष्य में अपने खेती को और भी बढ़ाने की तैयारी में लगे हुए हैं। लोगों के लिए रोजगार सृजन करना संतोष का मुख्य लक्ष्य है। संतोष कहते हैं कि हर कोई तो अपने लिए ही जीता है लेकिन बड़ी बात तब है जब दूसरों के लिए जिया जाए। संतोष इलाके के किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं। खेती की तकनीक को जानने दूसरे जगहों के किसान संतोष के पास पहुंचते हैं।

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