पश्चिमी चंपारण में चमुआ-हरिनगर के बीच दोहरीकरण का काम हुआ पूरा, 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ी ट्रेनें

बुधवार को चमुआ-हरिनगर स्टेशन के बीच‌ 130 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चली। रेल लाइन दोहरीकरण होने के बाद ट्रेन का आवागमन कर ट्रैक की जांच की गई। यह जांच डीआरएम अशोक अग्रवाल और कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ्टी सुभामोय मिश्रा के अगुवाई में किया गया।

चमुआ स्टेशन से हरिनगर तक मोटर ट्रॉली से सीआरएस और दूसरे पदाधिकारियों ने पॉइंट, पैनल, सिग्नल और ब्रिज आदि की जांच की। मुआयना के दौरान सीआरएस ने बिजली के खंभों और ओवरहेड वायर की जांच की। इस दौरान उन्होंने चमुआ स्टेशन और हरिनगर के नए डिस्पले पैनल का निरीक्षण किया।

प्रतीकात्मक चित्र

रेल अधिकारियों ने इस संदर्भ में दोहरीकरण काम के तहत हुए नए कामों के विषय में जरूरी जानकारी दी। सुरक्षा संबंधित हर पहलुओं की सुरक्षा से जांच पड़ताल के बाद सीआरएस ने चमुआ स्टेशन तक ट्रेन से लाइन गति ट्रायल की। 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हरिनगर से चमुआ तक नई रेल पटरी पर ट्रेन चली। मालूम हो कि नई रेल पटरी और सुरक्षा संबंधी जांच होने के बाद सीआरएस से मंजूरी मिलने के बाद ट्रेनों का परिचालन नई पटरी पर शुरू किया जाएगा। मुइयना के दौरान रेलवे के अधिकारी खासे बेचैन दिखे। लगातार हो रही बारिश के चलते मुआयना के समय परेशानी हुई। बारिश के बावजूद सीआरएस और तमाम रेलवे के अधिकारी निरीक्षण कार्य में जुटे रहे।

बगहा रेलवे स्टेशन और वाल्मीकिनगर के मध्य रेल ट्रैक के दोहरीकरण का काम काफी तेजी से चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दोहरीकरण का काम पूरा होने से लाभ मिलेगा। पीडब्ल्यूआई विजय कुमार बताते हैं कि सीआरएस की रिपोर्ट एक सप्ताह में मिल जाएगी। इसके बाद ट्रेनों का परिचालन नई लाइन पर शुरू हो जाएगा। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने से लाभ यात्रियों को होगा। स्थानीय लोगों को भी फायदा मिलेगा। इसके साथ समय से ट्रेन रवाना होगी।

हरिनगर-चमुआ से पहले साठी-नरकटियागंज रेल लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है। इस लाइन पर ट्रेनों का दौड़ना शुरू भी हो गया है। पिछले 25 मार्च को सीआरएस ने रेल लाइन दोहरीकरण का निरीक्षण किया था। 1 अप्रैल से नई रेल मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो चुका था। दोहरीकरण हो जाने से ट्रेनों की क्रॉसिंग में कमी होगी।

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