पटना को बिजली की समस्या से मिलेगा निजात, इसके लिए 8 नए पावर सब स्टेशन का निर्माण शुरू

पटना जिले के 30 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को पावर कट से मुक्ति दिलाने हेतु पेसू के द्वारा तैयारियां जारी हैं। पटना नगर निगम के साथ-साथ फुलवारी और दानापुर का कुछ इलाका शामिल है। इन क्षेत्रों में 2019 में 6.21 लाख उपभोक्ताओं ने 697 मेगावाट बिजली का उपभोग किया था।

इस वर्ष मई और जून में खपत बढ़कर 800 मेगावाट पहुंचने के आसार है। उम्मीद है कि आने वाले 5 वर्ष में 200 से 300 मेगावाट बिजली की खपत बढ़ेगी। इसके मद्देनजर साल के आखिर तक 2000 में नाबार्ड विकसित करने की योजना बनाई गई है। हालांकि इस साल भी गर्मी में लोगों को पावर कट से राहत नहीं मिलती दिख रही।

सांकेतिक चित्र

पेसू के इंजीनियरों के मुताबिक मौजूदा समय में 1700 मेगावाट क्षमता है। क्षमता बढ़े इसके लिए 8 नए पावर सब स्टेशन का निर्माण जारी है। इसके अलावा भारत सरकार के डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर योजना से नया पीएसएस निर्माण के साथ खुले तार के जगह एरियल बंच केबल लगाने, 11 और 33 केवी फीडर को छोटा करने का प्लान है। इसके हो जाने से ब्रेकडाउन वाले इलाके में बिजली की सप्लाई बंद हो तो कमियां को कम समय में दूर करने के बाद सप्लाई की जा सकेगी।

बता दें कि एनएमसीएच, जगनपुरा, आईटीआई दीघा, सिपारा वन और सिपारा टू में जीआईएस टेक्नोलॉजी पर बेस्ड पावर सब स्टेशन के बनाने का काम शुरू हुआ है। इसके अलावा बकरी बाजार, गोलघर, पाटलिपुत्र-पीएसएस में निर्माण जारी है। दिसंबर तक इन पावर सब स्टेशनों को चालू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बन जाने के साथ ही पीएसएस की टोटल संख्या लगभग 75 होगी।

पेसू के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती दवाब को सामान्य करने की है। इसमें पीएसएस, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर, 11 केवी फीडर, 33 केवी फीडर शामिल हैं। इन दिनों शहर के कंज्यूमर्स के कैंपस में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम जारी है। उपभोक्ताओं के परिसर में अभी तक लगभग 49 प्रतिशत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम पूरा हो चुका है। इस काम के पूरा हो जाने के पश्चात बढ़ोतरी और घटने वाले दबाव की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी।

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