पटना और भागलपुर में सीवरेज प्लांट निर्माण के लिए एजेंसी का चयन, जानें कब तक होगा पूरा।

नमामि गंगे प्रोजेक्ट में बड़ा बदलाव हुआ है। भागलपुर पटना में चल रहे परियोजना को अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत पूरा किया जाएगा। दोनों जगह लगभगग 1500 करोड़ रुपए के काम के लिए ठेका एजेंसी का चयन कर वर्क आर्डर भी जारी कर दिया गया है। पटना में राजीव मित्तल की वीए टेक वैबैग प्रा. लिमिटेड द्वारा जबकि भागलपुर में द अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को निर्माण कार्य का जिम्मा मिला है।

तय अनुबंध के मुताबिक काम को 9 जून 2024 तक पूर्ण करना है। पटना में 350 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने के साथ दीघा तथा कंकड़बाग में बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट यूनिट का निर्माण होना है जिस पर 1154 करोड़ खर्च होने है। वहीं भागलपुर में 45 एमएलडी कैपिसिटी वाले एसटीपी सहित पूरे शहर में पाइपलाइन बिछाना है, जिस पर 385.09 करोड़ की लागत आएगी।

इसके साथ क्वालिटी कंट्रोल के लिए अलग से व्यवस्था हुई है। इसका कार्य पटना में महेंद्रा कंसल्टेंसी तथा भागलपुर के लिए ईजीआईएस इंडिया प्रा. लिमिटेड को सौंपा गया है। पूर्व में इसके लिए केंद्र डायरेक्ट फंड देता था।

कंकड़बाग तथा दीघा इलाके में टोटल 450 किलोमीटर के रेंज में पाइपलाइन बिछाने का प्लान है। लेकिन अब तक लगभग 100 किमी में ही अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड कोइप डालने का कार्य पूरा किया है। ऐसे में 350 किमी पाइपलाइन बिछाने की अभी चुनौती है। बुडको के मुताबिक, परियोजना पूरा करने में कम से कम डेढ़ से दो वर्ष का समय लगेगा। कंकड़बाग तथि दीघा में एक-एक एसटीपी बनाने की तैयारी है। कुर्जी मोड़ के नजदीक दीघा एसटीपी का निर्माण गंगा के किनारे होना है।

बुडको के एमडी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि नमामि गंगे पर प्रोजेक्ट के तहत किए जाने वाले परियोजना को अब पीपीपी मोड में चेंज किया गया है। इससे पूर्व केंद्र सरकार सीधे फंड देता था और निर्माण एजेंसी का चयन कर परियोजना निर्माण किया जाता था। मगर अब पटना तथा भागलपुर में होने वाले नमामि गंगे परियोजना का काम पीपीपी मोड में होगा।

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