किसान का बेटा बना ISRO में वैज्ञानिक, स्कूल में पढ़ाने के लिए माँ-पिता ने की मजदूरी

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के रहने वाले सोमनाथ माली की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। सोमनाथ माली का चयन इसरो में बतौर सीनियर साइंटिस्ट हुआ है और खास बात यह भी है कि सोमनाथ इसरो में बतौर साइंटिस्ट चुने जाने वाले महाराष्ट्र के पहले छात्र हैं।

सोमनाथ माली का इसरो में चयन बीते 2 जून को हुआ है और इसके लिए लिखित परीक्षा के बाद उन्होने तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में इंटरव्यू दिया था।

शिक्षा के लिए माँ-बाप ने की मजदूरी
तथाकथित पिछड़े वर्ग से आने वाले सोमनाथ माली सोलापुर जिले के पंढरपुर तहसील स्थित सरकोली गाँव के निवासी हैं। गरीब परिवार में जन्मे सोमनाथ माली के लिए यह सब हासिल करना इतना आसान नहीं था। बताते चलें कि सोमनाथ के माता-पिता अपने बेटे को बेहतर शिक्षा देने के लिए दूसरे के खेतों में मजदूरी करने का काम किया है।

इसरो में वैज्ञानिक बने सोमनाथ माली
सोमनाथ ने बताया कि साल 2019 में अपनी एमटेक की डिग्री के आधार पर दोबारा उन्होंने इसरो में आवेदन किया था। 2 जून 2021 को उन्हें इसरो के सीनियर वैज्ञानिक के रुप में चुना गया। बतादें कि गांव के स्कूल में पढ़ाई से लेकर इसरो में वैज्ञानिक बनने तक सोमनाथ माली का सफर काफी संघर्ष भरा रहा है।

सोमनाथ माली समाज के एक पिछड़े हुए वर्ग से ताल्लुक रखते है। उनकी पढ़ाई पूरी कराने के लिए उनके परिवार ने भी काफी संघर्ष किया है। उनके माता-पिता और भाई ने दूसरे किसानों के खेतों में मजदूरी करके सोमनाथ को पढ़ाया-लिखाया।

IIT में डिजाइन किया प्लेन का इंजन
सोमनाथ ने अपनी सातवीं क्लास की पढ़ाई जिला परिषद प्राइमरी स्कूल और 10वीं क्लास की पढ़ाई अपने ही गांव के सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। उसके बाद 11वीं की पढ़ाई के लिए उन्होंने पंढरपुर के KBP कॉलेज में दाखिला लिया और गेट के एग्जाम में उन्होंने 916वीं रैंक हासिल की। जिसके बाद उन्हें आईआईटी दिल्ली में मैकेनिकल डिजाइनर के रूप में चुना गया था।

IIT में पढ़ाई के दौरान ही ही सोमनाथ को प्लेन के इंजन के डिजाइन पर काम करने का मौका मिला। वहीं 2 जून को उन्हें इसरो में सीनियर वैज्ञानिक के रूप में चुन लिया गया।

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