किशनगंज-बहादुरगंज फोरलेन सड़क निर्माण को मंजूरी, बिहार और बंगाल के बीच सफर होगा आसान

केन्द्र सरकार के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में भारत परियोजना शामिल है। इस महत्वपूर्ण योजना के तहत किशनगंज-बहादुरगंज फोरलेन सड़क का निर्माण होना है। बिहार के पथ निर्माण मामले के मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि इसके लिए टेंडर निकाल दिया गया है। निविदा प्राप्त करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त तय की गई है। बता दें कि 747.48 करोड़ रुपए खर्च कर 22.719 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होगा।

मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि नेशनल हाईवे-31 बंगाल बॉर्डर पर स्थित ग्राम उत्तर राम से शुरू होकर सतल इस्तमरार, बहादुरगंज में मिलती है। इस्ट-वेस्ट कॉरीडोर कॉलेज से ही फोन लेन मानक की सड़क है और नेशनल हाईवे नंबर 327 इ के गलगलिया से अररिया तक फोरलेन चौड़ीकरण सड़क का काम प्रगति पर है। इस सड़क के बन जाने से किशनगंज के लिए एक एक्स्ट्रा फोरलेन मार्ग उपलब्ध हो जाएगा, जिसमें पश्चिम बंगाल में बिना दाखिल किए ही किशनगंज तक जाना संभव हो पाएगा।

प्रतीकात्मक चित्र

फोरलेन सड़क 3 प्रखंड के 30 मौजा से होकर गुजरेगी। इनमें किशनगंज प्रखंड के सिंघाड़ी, चकला, खगड़ा, सिंघिया, सिमलबाड़ी, टोपामाड़ी, भेड़ियाडांगी, बेलवा, सुल्तानपुर, और बेलवा मिलिक एवं कोचाधामन प्रखंड के बगलबाड़ी, मोहरमारी, बस्ताकोला, बगलबारी, कढ़ाईबाड़ी, मौजाबाड़ी, डेरामारी, महियापुर, बागमोहर, रंगामणि, सतभीट्टा, कन्हैयाबाड़ी, मोहरमारी पूर्व, धनपुरा, बहादुरगंज और धनपुरा पूर्व व अंचल के नटुआपाड़ा पश्चिम, नटुआपाड़ा पूर्व, सपोल, नटुआपाड़ा उत्तर शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि किशनगंज-बहादुरगंज सड़क निर्माण हेतु वन एवं पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिल चुकी है। जमीन अधिग्रहण का काम अंतिम दौर में है। इस प्रोजेक्ट में 19.62 किमी लंबे ग्रीन फील्ड सड़क का निर्माण होगा और बाकी में पहले से बनी हुई सड़क का चौड़ीकरण होगा। इस प्रोजेक्ट में कुल 3 बड़ा पुल, जिसमें 425 मीटर लंबा पुल महानंदा नदी पर बनाया जाना है। इसके अलावा 7 छोटा पुल, 15 अंडरपास, 92 पुलिया, 3 फ्लाईओवर और 4 जगहों पर इंटरचेंज का निर्माण किया जाना है।

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