इथेनॉल इंडस्ट्री का हब बनेगा बिहार, पुर्णिया एथनॉल प्लांट शुरू होने से इन जिलों के किसानों को होगा लाभ

बिहार में उद्योग-धंधे स्थापित करने को लेकर राज्य सरकार सकारात्मक रवैया अपना रही है। अब प्रदेश में भी यह यूपी के तर्ज पर उद्योग का विस्तार होने लगा है। देश के बड़े शहर नोएडा, गाजियाबाद और बेंगलुरु के तर्ज पर प्रदेश में उद्योग धंधे स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन की कोशिशों का नतीजा है कि देश के पहले ग्रीन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन बिहार के पूर्णिया में किया गया।

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश ने बेगूसराय में पेप्सी बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन किया है। सरकार ने दावा किया है कि इथेनॉल प्लांट के चालू होने से सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले के किसानों का कायाकल्प होगा। नए उद्योग और रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टिकोण से यह प्लांट काफी अहम है।

प्रतीकात्मक चित्र

बताते चलें कि केंद्र और राज्य सरकार की इथेनॉल नीति 202 बनने के बाद बिहार के पूर्णिया में पहला ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का शुरुआत हुआ है। आने वाले कुछ महीनों में राज्य में तीन और इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन होने जा रहा है। ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. ने 96.76 करोड़ रुपए की लागत से इस इथेनॉल प्लांट का निर्माण किया है। एक दिन में अधिकतम 65 हजार लीटर उत्पादन किया जा सकता है।

इथेनॉल प्लांट में ब्रोकेन राइस और मक्का से इथेनॉल बनना शुरू हो गया है। इसके शुरुआत होने से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उद्योग केंद्र की मानें तो मक्का और धान किसानों को काफी फायदा होगा। विशेष रुप से पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार और अररिया के हजारों किसान इससे लाभान्वित होंगे। बता दें कि बिहार में इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत 17 इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। चार प्लांट बनकर तैयार हो चुका है। गोपालगंज में दो और आरा में एक प्लांट बनकर तैयार है।

ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. द्वारा 15 एकड़ एरिया में बनाए गए इथेनॉल प्लांट की विशेषता है कि इसमें भाप और इंधन की आवश्यकता पूर्ण करने के लिए चावल की भूसी का उपयोग किया जाएगा। इस दृष्टिकोण से रोजाना इस प्लांट में 36 टन चावल की भूसी की खपत होगी। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का ड्रीम और किसानों की आमद में इजाफा करने का सपना साकार होगा।

मंत्री ने कहा कि साल भर का इसमें लाई गई राज्य के इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 से राज्य में 151 इथेनॉल प्लांटो के स्थापना हेतु कुल 30,382 करोड़ रुपए का प्रस्ताव आया था। लेकिन वर्तमान में पहले चरण में 17 इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। देखा जाए तो देश का इथेनॉल हब बनने की राह पर बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है। पूर्णिया इकाई में उत्पादित एथेनॉल को भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल जैसी कंपनियों को सप्लाई किया जाएगा। इसके लिए कंपनियों से 10 वर्ष का समझौता किया गया है।

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