बिहार में सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला, तीन हजार वार्ड सदस्य, पंच और कई मुखिया की जाएगी कुर्सी

आने वाले समय में बिहार के कुछ और पंचायतों को नगर निकाय क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। जिलों से आए प्रस्ताव पर सरकार जल्द ही फैसला लेगी। इसके बाद नगर निकाय चुनाव कराने की कवायद शुरू होगी। सरकार नगर निकाय में कुछ और क्षेत्रों को जोड़ने की योजना पर काम कर रही है।

फिलहाल इस पर अंतिम रूप से फैसला नहीं हुआ है। इसके अलावा कुछ नगर पंचायत और नगर परिषद को अपग्रेड करने की योजना है। इसके बाद पंचायती राज विभाग नगर निकाय चुनाव के लिए शहरी आबादी का निर्धारण करेगी। फिलहाल राज्य में 263 नगर निकाय है। बीते डेढ़ साल में 120 नए नगर निकायों के गठन को सरकार ने मंजूरी दी है।

बताते चलें कि कुछ जिलों के प्रस्ताव अभी लंबित है। जल्द ही इस पर निर्णय की तैयारी है। हाल ही में सरकार ने तारापुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को जीत का सौगात देते हुए असरगंज को नगर पंचायत क्षेत्र घोषित किया था। इसके अतिरिक्त दरभंगा जिले के दो नगर निकायों के क्षेत्र के विस्तार को मंजूरी मिली है। अब जिलों से मिले नए प्रस्ताव पर जल्द ही कैबिनेट की हरी झंडी मिलेगी।

लगातार सरकार द्वारा नगर निकायों के क्षेत्र में विस्तार के चलते नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की मुश्किलें बढ़ गई है। अभी तक करीब तीन हजार वार्ड सदस्य और पंचों का कार्यकाल महज छह महीने में समाप्त होने के कगार पर है। इसी तरह कई मुखिया की भी कुर्सी चली जाएगी।

उदाहरण के लिहाज से मधुबनी जिला का झंझारपुर नगर पंचायत को नगर परिषद घोषित होने के बाद बेहट दक्षिणी और उत्तरी पंचायत के दो मुखिया, दो सरपंच, मुंगेर जिले के असरगंज नगर पंचायत बनने से एक मुखिया और एक सरपंच के अलावा 50 से अधिक वार्ड सदस्यों और पंचों की कुर्सी खिसक गई है। मुजफ्फरपुर के दामोदरपुर और मुसहरी के जैसे इलाकों को नगर परिषद घोषित करने के बाद नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की नींद उड़ गई है। इस संबंध में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि अभी तक करीब तीन हजार वार्ड सदस्यों और पंचों का क्षेत्र नए नगर निकायों के विस्तार के बाद शहरी क्षेत्र में चला गया है। सत्यापित आगरा के लिए संबंधित विभाग से मंगाए जा रहे हैं।

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