पद्मश्री से 125 वर्षीय योग गुरु शिवानंद स्वामी हुए सम्मानित, पद्मश्री ग्रहण के लिए नंगे पैर पहुंचे थे राष्ट्रपति भवन

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जब देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 125 साल के योग गुरु स्वामी सिवानंद को पद्मश्री से नवाजा तो वहां उपस्थित सारे लोग ताली बजाने को मजबूर हो गए। पद्मश्री अवार्ड ग्रहण करने स्वामी सिवानंद राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में नंगे पैर ही पहुंचे थे।

सोमवार को अवार्ड ग्रहण करने से पूर्व जब सिवानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महामहिम रामनाथ कोविंद को नमस्कार किया तब लोगों ने तालियों की तेज गड़गड़ाहट से उनका सम्मान किया। उनके नमस्कार के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी नतमस्तक हुए और अपना हाथ जोड़ा।

सादगी की मिसाल गुरु स्वामी सिवानंद सफेद धोती-कुर्ता पहन नंगे पैर ही राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में पहुंचे तब महामहिम कोविंद ने आगे बढ़कर उन्हें सहारा देकर खड़ा किया। फिर राष्ट्रपति ने अपने हाथों पद्मश्री पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान जब राष्ट्रपति कोविंद और योग गुरु बातचीत करते दिखे और दोनों की तस्वीर खींची गई तो राष्ट्रपति हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। यह पल अपने आप में शानदार था।

बता दें कि स्वामी शिवानंद बीते तीन दशकों से अधिक समय से बनारस के घाटों पर योग का अभ्यास और शिक्षण कर रहे हैं। वे अपने विनम्र मूल के साथ निरंतर सेवा कर रहे हैं। स्वामी शिवानंद ने अपना पूरा जीवन मानव मात्र के कल्याण में खपा किया है। प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजे जाने के बाद वे भारत के इतिहास में सबसे उम्रदराज पद्म पुरस्कार विजेता बन गए हैं।

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